कैंची धाम आकर मुझे धार्मिकता, उदात्तता और आध्यात्मिकता के संगम का अनुभव हुआ है : उपराष्ट्रपति

नैनीताल। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पत्नि डॉ. सुदेश धनखड़ संग गुरुवार को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम पहुंचे। उपराष्ट्रपति ने यहां पत्नि संग बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन किए और आश्रमवासियों के साथ समय व्यतीत किया।

दर्शन के उपरांत उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस पवित्र जगह पर आकर मन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस जगह आकर उन्हें धार्मिकता, उदात्तता और आध्यात्मिकता के संगम का आभास हुआ है। ये वो जगह है जहां ऐसे महापुरुष हुए हैं जिनके द्वारा निर्धारित उच्चतम सिद्धांत सभी के लिए अनुकरणीय हैं।

उपराष्ट्रपति ने भारत की उत्कृष्ट सांस्कृतिक विरासत की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भारत की 5000 वर्ष की सांस्कृतिक विरासत दुनिया में बेमिसाल है और वैश्विक समस्याओं के समाधान में भारतीय संस्कृति एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे के करीब कैंची धाम पहुंचे। उन्होंने बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन कर पूजा अर्चना की। स्थानीय युवतियों मीरा तिवारी और भावना तिवारी ने उपराष्ट्रपति व उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ का तिलक चंदन लगाकर पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। मंदिर समिति और प्रशासन की ओर से उपराष्ट्रपति को बाबा नीब करौरी की मूर्ति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गई। जिलाधिकारी वंदना सिंह व एसएसपी पीएन मीणा ने भी यहां उपराष्ट्रपति का औपचारिक स्वागत किया।

उपराष्ट्रपति ने इस दौरान बाबा नीब करौरी की सजीव सी लगने वाली आदमकद मूर्ति के सामने शीष झुकाकर उन्हें प्रणाम किया। उनका लाया हुआ कंबल बाबा को ओढ़ाया और फूल व अन्य प्रसाद चढ़ाया गया। उपराष्ट्रपति ने मंदिर में स्थित हनुमान जी एवं अन्य देवी-देवताओं के भी दर्शन किये ओरं पूजा अर्चना की। साथ ही बाबा नीब करौरी के तपस्या स्थल पर भी नमन किया। उन्होंने मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ भी बात की।

दर्शन व पूजा-अर्चना के बाद उपराष्ट्रपति का काफिला हल्द्वानी के लिए रवाना हो गया। इससे पहले गुरुवार सुबह नौ बजे से ही आम भक्तों के लिए कैंची धाम में प्रवेश रोक दिया गया था।

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