मैं हमेशा से जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए काम करना चाहता थाः पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अनुच्छेद 370 और 35ए पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने संवैधानिक एकता को बढ़ावा दिया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मज़बूत किया है। अपने ब्लॉग पर लेख में प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने ऐतिहासिक फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को बरकरार रखा है। यह ऐसी भावना है, जिसे प्रत्येक भारतीय ने सदैव संजोया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की खूबसूरती का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों की शांत वादियाँ, बर्फ से ढके पहाड़, पीढ़ियों से कवियों, कलाकारों और हर भारतीय के दिल को मंत्रमुग्ध करते रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर एक ऐसा अद्भुत क्षेत्र है, जो हर दृष्टि से अभूतपूर्व है, लेकिन पिछले सात दशकों से यहां के अनेक स्थानो पर ऐसी हिंसा और अस्थिरता देखी गई, जिसकी कल्‍पना तक नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे अपने जीवन के शुरुआती दौर से ही जम्मू-कश्मीर आंदोलन से जुड़े रहने का अवसर मिला है।

उन्होंने यह भी कहा कि मेरी विचारधारा की अवधारणा सदैव ही ऐसी रही है, जिसके अनुसार जम्मू-कश्मीर महज एक राजनीतिक मुद्दा नहीं था, बल्कि यह विषय समाज की आकांक्षाओं को पूरा करने के बारे में था। प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि मेरा हमेशा से दृढ़ विश्वास रहा है कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हुआ था, वह हमारे राष्ट्र और वहां के लोगों के साथ एक बड़ा विश्वासघात था।

उन्होंने कहा कि मेरी यह प्रबल इच्छा थी कि मैं इस कलंक को, लोगों पर हुए इस अन्याय को मिटाने के लिए जो कुछ भी कर सकता हूँ, उसे जरूर करूँ। मैं हमेशा से जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए काम करना चाहता था। प्रधानमंत्री ने कहा है कि समय-समय पर सरकार के मंत्री जम्मू-कश्मीर का दौरा करते रहे हैं और लोगों से सीधे मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन यात्राओं ने जम्मू-कश्मीर में सद्भावना और आपसी विश्वास कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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