कोलकाता । जनजातीय समुदाय के लिए बड़े पैमाने पर काम करने वाले संगठन फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल सोसाइटी (एफटीएएस) की ओर से आयोजित राष्ट्रीय युवा कॉन्क्लेव का समापन रविवार को हो गया है। शुक्रवार को राजधानी कोलकाता में इसका आगाज हुआ था। रविवार को आखिरी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर ने देश के समग्र विकास के लिए युवाओं को पांच मंत्र बताए। इसमें पहला मंत्र उन्होंने परिवारिकता का बताया। उन्होंने कहा कि भारत की परिवार व्यवस्था दुनिया की सबसे अच्छी व्यवस्था है जो परिवार से मजबूत समाज और मजबूत समाज से शक्तिशाली राष्ट्र के निर्माण का आधार बनती है। उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा पर भी जोर दिया और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच समरसता बनाए रखने की भी वकालत की। इसके साथ ही उन्होंने देश के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का बोध रखते हुए काम करने की नसीहत दी। उन्होंने युवाओं को खास तौर पर नागरिक कर्तव्य के प्रति सचेत रहने को कहा और स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल पर भी बल दिया।
सुप्रीम कोर्ट के मशहूर अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि राष्ट्र की मजबूती के लिए मजबूत कानूनों का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने 1500 कानूनों को बदला है जबकि अभी भी कई ऐसे पुराने कानून हैं जिसमें बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत है।
तीन दिनों तक चले इस आयोजन के पहले दिन मशहूर पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने भारतीय ज्ञान परंपरा और संविधान में सनातन की मौजूदगी पर सार ग्रभित व्याख्यान दिया था। उन्होंने कहा था कि नंदलाल बोस ने भारत के संविधान में जिन देवताओं की तस्वीरें बनाई थीं उसमें भगवान राम, माता सीता के साथ ही उस नंदी की भी तस्वीर है जो ज्ञानवापी मंदिर में स्थापित हैं।
उन्होंने वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली राशि के खिलाफ लोगों से एकजुट होकर तब तक आंदोलन करने का आह्वान किया जब तक सरकार इस पर कार्रवाई के लिए तैयार ना हो जाए। उन्होंने कहा था कि जनता के कर से हासिल होने वाली राशि को जिस बड़े पैमाने पर वक्फ बोर्ड में लुटाया जा रहा है वह इस देश के बहुसंख्यक समुदाय के साथ अन्याय है। पहले दिन दीप प्रजनन के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ था। इस कार्यक्रम को अभिज्ञ नाम दिया गया था। इसका थीम था भारत को हम भारत कैसे बनाएं। कार्यक्रम में देशभर से खास अतिथि उपस्थित रहे। उक्त तीनों वक्ताओं के अलावा कई अन्य दिग्गजों ने संबंधित विषय पर विस्तार से चर्चा की है। तीन दिनों तक लगातार भारतीयता, भारतीय ज्ञान परंपरा और हमारे देश की खूबियों पर चर्चा हुई। एफटीएस की ओर से बताया गया है कि इसका मकसद नई पीढ़ी में भारतीयता को समझने की पृष्ठभूमि तैयार करना है।