दिल्ली: केंद्र सरकार ने 29 अगस्त 2023 को बड़ा फैसला लेते हुए देश में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों पर सब्सिडी बढ़ाने का एलान किया है. ये राहत आम रसोई गैस इस्तेमाल करने वाले करोड़ों ग्राहकों को मिलेगी. वही देश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के बेनेफिशयरीज को 200 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देने का फैसला किया गया है. इसका मतलब है कि उन्हें आज से इस पीएमयूवाई स्कीम के जरिए 400 रुपये सस्ता सिलेंडर मिलेगा क्योंकि पहले से ही सरकार इन पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दे रही है.
33 करोड़ उपभोक्ता उठाएंगे फायदादेश के 33 करोड़ एलपीजी सिलेंडर उपभोक्ताओं को इस सब्सिडी का लाभ मिलेगा जिसमें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के मौजूदा 9.60 करोड़ लाभार्थी भी शामिल हैं. सरकार ने ये भी निर्णय लिया है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में 75 लाख और बेनेफिशियरीज जोड़े जाएंगे जिसके बाद इस योजना के कुल लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 10.35 करोड़ हो जाएगी.
सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ेगाप्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कल ये फैसला लिया गया है. इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर 2022-23 में 7680 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
चुनावों को देखते हुए मोदी सरकार ने लिया ये फैसला- विपक्ष का दावाइस साल 5 राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे. विपक्ष का दावा है कि केंद्र की मोदी सरकार महंगाई पर घिर चुकी है और रसोई गैस कीमतों पर सब्सिडी देने का फैसला इसलिए हुआ क्योंकि इन चुनावों में एनडीए को अपनी हार का डर साफ सता रहा है.
कितनी सब्सिडी बचा रही है सरकार- कितना बढ़ जाएगा खर्चघरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी खत्म करने के बाद सरकार को इस मद में भारी राशि की बचत हो रही थी. इसका उदाहरण साल दर साल की घटती सब्सिडी के आंकड़ों के जरिए देखा जा सकता है. साल 2018 में केंद्र सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी के लिए 23,464 करोड़ रुपये खर्च किए थे, 2019 में 37,209 करोड़ और वित्त वर्ष 2020 में 24,172 करोड़ खर्च किए थे.
सरकार ने वित्त वर्ष 2022 से रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी घटाकर बड़ी राशि की बचत की है. वित्त वर्ष 2021 में केंद्र सरकार ने 11,896 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की तरफ से गैस सब्सिडी का भुगतान वित्त वर्ष 2021-22 के पहले नौ महीनों में घटकर सिर्फ 2,706 करोड़ रुपये रहा था. इसके अंतर्गत साल 2022 में ये रकम घटकर 242 करोड़ रुपये पर रही. इस तरह देखा जाए तो साल दर साल सरकार के खजाने में सब्सिडी घटाने से मिली राशि की संख्या बढ़ती रही. पिछले साल के मुकाबले सरकार के पास 11,654 करोड़ रुपये की बचत हो चुकी है.
2022 में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 200 रुपये सब्सिडी देने का फैसला 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मई 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले 12 गैस सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी देने का ऐलान किया था और इसके जरिए सरकारी खजाने के ऊपर 6100 करोड़ रुपये की सब्सिडी का बोझ आ रहा था. ये आंकड़ा कुल 9.60 करोड़ लाभार्थियों को 200 रुपये की गैस सब्सिडी देने का था.