इटावा: आ ही गये रघुनंदन सजवा दो द्वार द्वार, स्वर्ण कलश रखवा दो बंधवा दो बंधन बार। सजी नगरिया है सारी नाचे गावे नर नारी, अब खुशियां मनाओ गाओ री मंगलचार मौका था अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का 500 वर्षों के बाद भव्य और दिव्य राम मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सनातन धर्मावलंबियों का उत्साह चरम पर था।
सोमवार को जहां एक ओर अयोध्या में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा की गई। वहीं जिले में भी इस मौके पर उत्साह उमंग और उल्लास का वातावरण था हर तरफ मंगल गीत व बधाईयाँ गाये गए। दिन भर धार्मिक कार्यक्रमों की धूम रही वही शाम से ही जिले का कोना-कोना दीपों से जगमगा उठा। ऐसा लग रहा था मानो कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला दीपावली का त्यौहार मनाया जा रहा हो। सुबह से लेकर देर रात तक हर तरफ जय श्री राम के जय घोष गुंजायमान होते रहे।जिस दिन से अयोध्या के भव्य राम मंदिर में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि घोषित हुई थी उसी दिन से ही चारों ओर खुशियों का माहौल बन गया था। हर राम भक्त 22 जनवरी की तिथि का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। जिले में रविवार की सुबह से ही कार्यक्रमों की धूम शुरू हो गई थी लेकिन सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा के दिन हर तरफ उल्लास व उमंग का माहौल दिखाई दिया।बच्चों से लेकर बुजुर्ग युवाओं से लेकर युवतियां पुरुषों से लेकर महिलाएं तक प्राण प्रतिष्ठा के जश्न में सरावोर दिखाई दिए। मंदिरों से लेकर हिंदू घरों में कार्यक्रमों की धूम रही। श्री रामचरितमानस के अखंड पाठ के साथ सुंदरकांड का पाठ राम नाम का जाप भजन कीर्तन संकीर्तन व जगह-जगह भव्य भंडारे आयोजित हुए और खूब मिठाई भी बॉटी गयी।