नोएडा के बरौला में हुई खौफनाक घटना

नोएडा। छह वर्ष पहले चंद रुपयों को लेकर शुरू हुआ विवाद मेंहदी हसन की हत्या का कारण बना। मेंहदी हसन और विनोद के बीच हुए झगड़े के बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उस समय तत्कालीन पुलिसकर्मियों ने संवेदना की सारी हदें पार कर दी थीं।

पुलिस ने मेंहदी हसन पर हुए हमले को दरकिनार करते हुए जानलेवा हमले का आरोपी बनाते हुए घायलावस्था में व्हील चेयर पर ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। यह आरोप मेंहदी हसन की पत्नी नजमा ने लगाए हैं। पति का अंतिम संस्कार करने के बाद नजमा ने बताया कि फरवरी 2018 में पति गांव बरौला में ही कबाड़े का काम करते थे।

बार-बार रुपये मांगने पर भी नहीं दे रहा था विनोद

पड़ोस में विनोद दूध का काम करता था। विनोद ने एक व्यक्ति से भैंस खरीदी थी, लेकिन कुछ रुपये उसके बकाया थे। बार-बार रुपये मांगने पर भी विनोद उन्हें रुपये नहीं दे रहा था।

इसको लेकर मेंहदी हसन ने विनोद से कहा कि बेईमानी करना ठीक नहीं है। बकाया रुपये दे देने चाहिए। यह बात विनोद को इस कदर नागवार गुजरी कि गाली-गलौज करने लगा और मारने की धमकी दी। मेंहदी हसन बिना कुछ कहे घर चले आए।

होली के दिन विनोद ने मेंहदी के साथ की थी गाली-गलौज

नजमा ने बताया कि मार्च 2018 में होली के दिन शाम के समय मेंहदी हसन बाजार जा रहे थे। आरोप लगाया कि रास्ते में विनोद मिल गया और गाली-गलौज करने लगा।

विरोध किया तो सिर में लोहे की राड मारकर घायल कर दिया। इसी बीच विनोद के रिश्ते का भाई टीटू चाकू लेकर आ गया। दोनों ने चाकू से उनके पति मेंहदी हसन पर ताबड़तोड़ चार वार किए। इसी बीच एक चाकू विनोद को भी लग गया।

स्थानीय लोगों ने मेंहदी हसन को बचाया। सूचना पर पहुंची नजमा लहूलुहान हालत में मेंहदी हसन को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। जहां चिकित्सकों ने उपचार शुरू कर दिया। नजमा के मुताबिक मेंहदी हसन की हालत बेहद गंभीर थी। अगले दिन पुलिसकर्मी पहुंचे और मेंहदी हसन के हाथों में हथकड़ी डाल दी।

तब पता चला कि विनोद की ओर से मेंहदी हसन के खिलाफ जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने व्हील चेयर पर बैठाकर न्यायालय में पेश किया और जेल भेज दिया। करीब दो माह तक जेल के अस्पताल में मेंहदी हसन का उपचार चला और चार माह बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिली।

विनोद समेत दो के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा

नजमा का कहना है कि जब वह कोतवाली पहुंचीं तो पुलिस ने उनकी सुनवाई नहीं की। घटना के तीन दिन बाद पुलिस ने मामूली धाराओं 323,324,504 और 506 के तहत विनोद और टीटू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

नजमा का आरोप है कि पुलिस ने मामूली धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। यदि उस समय पुलिस ने सही कार्रवाई की होती तो आरोपितों के हौंसले इतने बुलंद न होते और आज मेरे पति शायद जिंदा होते।

पुलिस की लापरवाही से उजड़े दो परिवार

नजमा के दावों की मानें तो उस समय तत्कालीन पुलिसकर्मियों ने मामले में सही कार्रवाई नहीं की। यदि उस समय पुलिस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करती तो दो परिवार न उजड़ते। मेंहदी हसन की मौत के बाद उनके चार बच्चों के सिर से बाप का साया उठ गया। वहीं उनकी हत्या के आरोप में अनुज और नितिन सलाखों के पीछे पहुंच गए।

नोएडा लौटने पर परिवार में संशय

मेंहदी हसन की तालिबानी तरीके से की गई हत्या के बाद परिवार के लोग भयभीत हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इतने सुरक्षित माने जाने वाले शहर में उनके साथ इस तरह की वारदात होगी। नजमा का कहना है कि वह बच्चों के साथ दोबारा नोएडा आकर रहेंगी या नहीं इस पर अभी निर्णय नहीं लिया है

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