इटौंजा क्षेत्र में बस स्टॉप न होने से जनता में भारी आक्रोश

बीकेटी लखनऊ, कई सरकारें आई और कई चली गई परंतु इटौंजा में स्थाई बस अड्डा न बनने के कारण लोगों ने इसका कड़ा विरोध जताया है। इस क्षेत्र के राकेश कुमार कठेरिया ने बताया कि विधानसभा चुनाव के समय प्रत्याशी में स्थाई बस अड्डा बनवाने के लिए वादे करते हैं। पर प्रत्याशी के जीत जाने के बाद इधर मुड़ कर भी नहीं देखते हैं। बस अड्डे की समस्या ज्यों की त्यों बरकरार रहती है। विद्यार्थी व्यापारी नौकरी पेशा तथा हजारों ग्रामीण लखनऊ रोज आते जाते हैं। पर इटौंजा में बस अड्डा न होने के कारण लखनऊ से सीतापुर लखीमपुर खीरी सिधौली शाहजहांपुर तथा अन्य डिपो की बसें न रुकने के कारण यात्रियों को यह दंश  झेलना पड़ता है।

       इसी क्रम में तिरंगा महाराज कई बार प्रार्थना पत्र परिवहन मंत्री को दिया कई बार प्रार्थना कोई ध्यान नहीं दिया। इटौंजा में बस अड्डा बनवाने के लिए मुहिम चलाई थी तथा आंदोलन भी कई दिनों तक चलाया था उन्होंने अपने खुले शब्दों में बताया कि सांसद व विधायक प्रत्याशी इटौंजा को स्थाई बस अड्डा बनवाने के वादे तो करते हैं किंतु उनके वादे थोथे  साबित होते हैं। सत्ता के मोह में फंसकर जनता की समस्याओं को अनदेखा करते हैं। प्रत्याशी के जीतने के बाद प्रत्याशी अपनी झोली भरने में मशगूल रहता है।
 इस संदर्भ में सिया राम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष किशन जी लोधी ने भी अपना दुख बयां करते हुए बताया कि दर्जनों यात्री इटौंजा में बस के इंतजार में खड़े रहते हैं। यहां तक कि जब कोई रोडवेज बस आती है तो यात्री हाथ मलते हुए रह जाते हैं और बस न रुक कर आगे निकल जाती है।
यदि इटौंजा में स्थाई बस अड्डा न बनाया गया तो किसी दल के प्रत्याशी के जीतने के बाद यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इस क्षेत्र के नागरिक आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे जिसका खामियाजा शासन को भुगतना पड़ेगा।

        क्षेत्र की जनता ने सरकार व शासन में बैठे हुए आला अफसरों के गुहार की है कि इटौंजा में तत्काल स्थाई बस अड्डा बनाकर यहां के नागरिकों को इस समस्या से निजात दिलाई जाए जबकि सरकार ने इटौंजा अभी तक इटौंजा स्टेशन नहीं हो पाई है सांसद व विधायक एक जनसभा में कहा कहा था की इटौंजा रेलवे स्टेशन बना दिया जाएगा आज तक ही नहीं बन पाए हैं। कुछ महीने पहले बस अड्डा ना होने के कारण, बस चालक द्वारा दो लड़कियों को चलती बस से उतार दिया था, जिससे वे बुरी तरह से घायल हो गई थी परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारी कान में अंगूरी डालकर बैठे हैं।जनता की समस्या को सुनने वाला इस सरकार में कोई नहीं है।

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