आप सभी को देवोत्थान एकादशी व तुलसी विवाह की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ: समूह संपादक शरद कुमार सिन्हा

भगवान श्री विष्णु व माता तुलसी की कृपा से संपूर्ण सृष्टि का कल्याण हो, सभी का जीवन संकट मुक्त, सुख-समृद्धि एवं आरोग्यता से परिपूर्ण हो, यही अभिलाषा है।

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी के दिन योग निद्रा से जागते हैं। भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागने के बाद ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इस साल देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को है। कार्तिक मास की एकादशी के दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम का विवाह देवी वृंदा (तुलसी) से कराया जाता है, इसके पीछे की कथा बहुत रोचक है।

तुलली शालिग्राम विवाह की पौराणिक कथा
तुलसी और शालिग्राम के विवाह से जुड़ी कथा ब्रह्मवैवर्तपुराण में बताई गई है। कथा के अनुसार प्राचीन काल में तुलसी जिनका एक नाम वृंदा थी जो शंखचूड़ नाम के असुर की पत्नी थी। शंखचूड़ दुराचारी और अधर्मी था। देवता और मनुष्य सभी इस असुर से त्रस्त थे। तुलसी के सतीत्व के कारण सभी देवता मिलकर भी शंखचूड़ का वध नहीं कर पा रहे थे। सभी देवता मिलकर भगवान विष्णु और शिवजी के पास पहुंचे और उनसे दैत्य को मारने का उपाय पूछा। उस समय भगवान विष्णु ने शंखचूड़ का रूप धारण करके तुलसी का सतीत्व भंग कर दिया। जिससे शंखचूड़ की शक्ति खत्म हो गई और शिवजी ने उसका वध कर दिया। बाद में जब तुलसी को ये बात पता चली तो उन्होंने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दे दिया।

विष्णुजी ने तुलसी के श्राप को स्वीकार किया और कहा कि तुम पृथ्वी पर पौधे और नदी के रूप में रहोगी और तुम्हारी पूजा भी की जाएगी। मेरे भक्त तुम्हारा और मेरा विवाह करवाकर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे। उस दिन कार्तिक शुक्ल एकादशी का दिन था। तुलसी नेपाल की गंडकी और पौधे के रूप में आज भी धरती पर हैं। गंडकी नदी में ही शालिग्राम मिलते हैं।

वास्तु दोष दूर करती हैं तुलसी

  • वास्तु के अनुसार घर में तुलसी के पौधे के लिये उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए । इन दिशाओं में तुलसी का पौधा लगाना घर में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाला होता है।
  • तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
  • वास्तु के अनुसार तुलसी को घर में लगाने से कई सारे फायदे होते हैं, माना जाता है कि इससे पारिवारिक कलह कम होती है।
  • धन लाभ के लिए सुबह उठकर तुलसी के ग्यारह पत्ते तोड़ लें। इन पत्तों को तोड़ने से पहले तुलसी मां से हाथ जोड़कर क्षमा मांग लें और इसके बाद ही इन्हें तोड़ें।इन पत्तों को घर के उस बर्तन में डाल दें जहां आप आटा रखते हैं। इस आटे का प्रयोग करने से कुछ ही दिनों में आपको घर में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगेगा।
  • नौकरी व कारोबार में तरक्की के लिए गुरुवार को तुलसी का पौधा पीले कपड़े में बांधकर, ऑफिस या दुकान में रखें। ऐसा करने से कारोबार बढ़ेगा और नौकरी में प्रमोशन भी हो जाएगा।

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