पावन पर्व ‘माघ पूर्णिमा’ की सभी श्रद्धालुओं और प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं:  समूह सम्पादक, शरद कुमार सिन्हा

Maghi Purnima 2024: माघी पूर्णिमा 24 फरवरी शनिवार को है। माघ माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 23 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट पर हो रहा है। साथ ही पूर्णिमा तिथि का समापन 24 फरवरी को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर होगा। इस प्रकार उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 24 फरवरी, शनिवार के दिन को मान्य होगी। पुराणों में इस संबंध में बताया गया है कि माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से शोभायमान होकर अमृत की वर्षा करते हैं। इसके अंश वृक्षों, नदियों, जलाशयों और वनस्पतियों में होते हैं इसलिए इनमें सारे रोगों से मुक्ति दिलाने वाले गुण उत्पन्न होते हैं।

माघ पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार माघ पूर्णिमा में स्नान दान करने से सूर्य और चंद्रमा युक्त दोषों से मुक्ति मिलती है। इसलिए इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए। यदि ऐसा न हो सके तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर नहा लेना चाहिए। इसके अलावा गंगाजल का आचमन यानी हथेली में थोड़ा सा गंगाजल पी लेने से भी पुण्य मिलता है। माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करना चाहिए। इससे हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

माघी पूर्णिमा पर स्नान का महत्व
मान्यता है कि माघी पूर्णिमा पर देवता भी रूप बदलकर गंगा स्नान के लिए प्रयाग आते हैं। इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है, जो श्रद्धालु तीर्थराज प्रयाग में एक मास तक कल्पवास करते हैं। माघी पूर्णिमा पर उनके व्रत का समापन होता है। सभी कल्पवासी माघी पूर्णिमा पर माता गंगा की आरती पूजन करके साधु संन्यासियों और ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं। बची हुई सामग्री का दान कर देवी गंगा से फिर बुलाने का निवेदन कर अपने घर जाते हैं। कहते हैं कि माघ पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में नदी स्नान करने से रोग दूर होते हैं।

पितरों का तर्पण
इस दिन तिल और कंबल का दान करने से मृत्युलोक से मुक्ति मिलती है। इस दिन काले तिल से हवन और काले तिल से ही पितरों को तपर्ण करना चाहिए। इससे पितरों की अतृप्त आत्मा को शांति मिलती है। मकर संक्रान्ति के समान ही माघी पूर्णिमा के दिन तिल के दान और तिल से बने खाद्य पदार्थों के सेवन का विशेष महत्व माना जाता है। माघी पूर्णिमा का व्रत करने से सुख-सौभाग्य, धन-संतान तथा स्वास्थ्य सुख की प्राप्ति होती है।

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