सावधान सेहत को खतरा….खुले में फेंका जा रहा मेडिकल कचरा!

  • स्वास्थ्य विभाग और नगर पंचायत के नियमों को दरकिनार कर निजी अस्पतालों और नर्सिंग होमों का बायोमेडिकल वेस्ट ढो रही नगर पंचायत की गाड़िया
  • नगर पंचायत बीकेटी की गौशाला के बगल ​मे स्थित कूड़ा डंपिंग स्थल पर नगर पंचायत की कूड़ा गाड़ियों से  फेंका जा रहा है निजी नर्सिंग होमों का मेडिकल कचरा 

निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ

बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर भले ही गंभीरता बरतने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है।नगर पंचायत बीकेटी के अंतर्गत कुम्हरावा पहाड़पुर रोड भैंसामऊ क्रासिंग के पास स्थित श्री प्रेम कृपा,लाइफ केयर सहित ज्यादातर नर्सिंग होम और पॉली क्लीनिकों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट( मेडिकल कचरा) संचालकों द्वारा नगर पंचायत बीकेटी की कूड़ा ढोने वाली गाड़ियों से कम पैसे में खुले में सामान्य कचरे में ही फेंकवाया जा रहा है। बतातें है कि चंद पैसों के लालच में फंसकर नगर पंचायत के सफाई कर्मचारी बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेकनें से होने वाली संक्रामक बीमारियों से अनभिज्ञ हैं।क्योंकि उनको नही पता है कि इससे दुष्परिणाम क्या होंगे।लेकिन लगातार मेडिकल वेस्ट सामान्य कचरे में फेंके जाने से क्षेत्र में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है।जिससे वे बायोमेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरा समझकर सामान्य कचरे के साथ ही इस बायोमेडिकल वेस्ट को अस्पतालो से उठाकर नगर पंचायत की गौशाला के बगल में कूड़ा डंपिंग स्थल पर ही खुले में डंप कर रहे हैं।

बीकेटी नगर पंचायत क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक अस्पताल और नर्सिंग होम हैं। इसके अलावा दर्जनों पॉली क्लीनिक संचालित हैं। कस्बों या क्षेत्र में मेडिकल वेस्ट निस्तारण के प्लांट नहीं लगे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि मेडिकल वेस्ट का नियमानुसार निस्तारण करने के लिए लखनऊ की कंपनी को जिम्मा दिया गया है। बगैर बायोमेडिकल वेस्ट एनओसी के नर्सिंग होम और क्लीनिक के साथ पालीक्लीनिक के रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण पर रोक है।फिर यह नर्सिंग होम और पालीक्लीनिक विभाग के जिम्मेदारों की मिलीभगत से धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक नगर पंचायत के क्षेत्र से लेकर गांव तक में कई दर्जन ऐसे क्लीनिक और नर्सिंग होम संचालक हैं, जो बायोमेडिकल बेस्ट का अनापत्ति प्रमाणपत्र सीएमओ कार्यालय में नहीं जमा किए हैं। चोरी छिपे अपने अस्पताल का कचरा इधर, उधर फेंक रहे हैं।वहीं अस्पताल, नर्सिंग होम संचालकों का दावा है कि वे एक निजी कंपनी के माध्यम से नर्सिंग होम्स व अस्पतालों का बायो मेडिकल वेस्ट रोजाना उठवाकर लखनऊ भेजवा रहे हैं। मगर यह दावे हवा-हवाई हैं।बीकेटी,महोना व इटौंजा इलाकों में खुले में सामान्य कचरा में मेडिकल कचरा फेंका जा रहा है। कबाड़ बीनने वालों के अलावा छुट्टा मवेशी मेडिकल वेस्ट के संपर्क में आकर बीमार हो सकते हैं।

क्या हैं मेडिकल बायो वेस्ट

प्रयोग की हुईं सिरिंज, यूज्ड बैंडेज, पैथोलॉजी वेस्ट, कैप्सूल, पीपीई किट, पीपीई कवर, मास्क, ग्लब्स आदि।

मेडिकल वेस्ट के संपर्क में आने से खतरा

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी के अधीक्षक डा.जेपी सिंह ने बताया कि बायो मेडिकल वेस्ट का सही निस्तारण न हो तो इससे संक्रमण हो सकता है। सामान्य कूड़े में या खुले में फेंक देने पर कबाड़ियों या आम आदमी को सिरिंज चुभने से विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों का खतरा हो सकता है।

जिम्मेदार बोले

सभी को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी मेडिकल वेस्ट उसे इकट्ठा करने के लिए रखी तीन तरह की पॉलिथीन में ही डालें। इससे मेडिकल बेस्ट उठाने वाली फर्म उसे ले जाकर नियमानुसार निस्तारण करेगी। खुले में मेडिकल वेस्ट डालने को लेकर सख्ती की जाएगी। सीएचसी अधीक्षक बीकेटी को जांच करने के निर्देश दिये गये हैं।उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

  • डा.एपी सिंह डिप्टी सीएमओ
    नोडल अधिकारी नर्सिंग होम्स
    लखनऊ

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