इजराइल में फंसे हर्ष अग्रहरि व वतन वापस लौटे हर्ष पल्लव गोविंद राव…

स्कालरशिप के जरिये इजराइल में मास्टर कोर्स की पढ़ाई करने गए मोहद्दीपुर के हर्ष अग्रहरि समय पर मोबाइल फोन का संदेश न पढ़ पाने की वजह से फंसे रह गए। पिता अशोक कुमार अग्रहरि ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री व विदेश मंत्रालय को पत्र भेजकर बेटे की वतन वापसी कराने की मांग की है। हालांकि, हर्ष जहां हैं, वहां इजराइल-हमास युद्ध का अभी प्रभाव नहीं है।

यह है मामला
मोहद्दीपुर के रहने वाले अशोक कुमार अग्रहरि ने बताया कि बेटा थापर यूनिवर्सिटी, पटियाला से स्कालरशिप प्राप्त कर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री के लिए 2021 में इजराइल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी गया। हर साल वह दीपावली पर घर आता है। इस बार भी वह तैयारी में था और घर आने का टिकट करा लिया था। इसी बीच इजराइल व हमास के बीच युद्ध छिड़ गया है, इसलिए वहां रहना खतरे से खाली नहीं है। बेटे से बात हो रही है, इसलिए थोड़ी राहत है।

उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी की वार्डेन ने भारतीय छात्रों के मोबाइल फोन पर संदेश भेजा कि वहां के लिए फ्लाइट जाने वाली है। बेटे का साथी छात्र आवास विकास कालोनी, शाहपुर का हर्ष पल्लव गोविंद राव संदेश पढ़कर एयरपोर्ट पहुंच गया। वहां से हर्ष को फोन किया, लेकिन तब देर हो चुकी थी। बेटा भी संदेश पढ़ लिया होता तो शुक्रवार की शाम तक घर रहता। दूसरा बेटा दिव्यांशु भी पटियाला की थापर यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस पढ़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री और विदेश मंत्रालय से बेटे की वतन वापसी की मांग की है।

हर्ष पल्लव के घर पहुंचने पर हर्षित हुए माता-पिता
इजराइल व हमास युद्ध से हालात खराब हो गए हैं। वहां के दक्षिणी इलाके में युद्ध चल रहा है। सायरन बजते ही 90 सेकंड में सभी को शेल्टर होम में छिपना पड़ रहा है। अलर्ट करने के लिए बार-बार सायरन बज रहा है। इजरायल से शुक्रवार की शाम चार बजे लौटे शाहपुर के आवास विकास कालोनी के रहने वाले छात्र हर्ष पल्लव गोविंद राव ने यह बात बताई।

छात्र ने बताया कि अचानक शुरू हुए युद्ध से स्थिति बिगड़ गई। हालांकि हम लोग जिस इलाके में थे, वहां इस युद्ध का असर नहीं था। बताया कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में साथ पढ़ने वाले मोहद्दीपुर के छात्र हर्ष अग्रहरि और देश के रहने वाले अन्य छात्रों के मोबाइल फोन पर भारत के फ्लाइट की जानकारी दी गई।

आपरेशन अजय के तहत भारत सरकार इजरायल से देश के लोगों को वापस लाने के लिए फ्लाइट की व्यवस्था की है। मेरे साथ उत्तराखंड की एक छात्रा और पंजाब का एक छात्र आए हैं। शिक्षिका मां निशा राव और पिता अनुराग गोविंद राव ने कहा कि बेटे को लेकर चिंता थी, लेकिन उसके घर आने से हर्षित हो गए हैं। उन्होंने प्रमुखता से खबर प्रकाशित करने के लिए दैनिक जागरण का आभार भी प्रकट किया है।

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