भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री अतुल बोरा ने जताई खुशी

गुवाहाटी। राजग के घटक दल असम गण परिषद (अगप) के अध्यक्ष अतुल बोरा का कहना है कि उल्फा से हुए शांति समझौते से असम में जारी विकास कार्यों को और तेज गति मिलेगी। अगप के अध्यक्ष और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री अतुल बोरा ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पदभार संभालने के बाद से केंद्र का असम और संपूर्ण क्षेत्र के प्रति रवैया बदल गया है।

वर्ष 2014 से पूर्वोत्तर में विकास कार्य निरंतर जारी हैं। अब पहले की तरह इस क्षेत्र से सौतेला व्यवहार नहीं होता है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि शाह की मौजूदगी में उल्फा से हुए शांति समझौते से प्रदेश में जारी विकास कार्यों की रफ्तार और बढ़ेगी।

उग्रवादी संगठन ने हिंसा छोड़ने का किया फैसला
विगत 29 दिसंबर को केंद्र, असम सरकार और उल्फा से हुए शांति समझौते के तहत उग्रवादी संगठन ने हिंसा छोड़ने का फैसला किया है। साथ ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने के लिए हथियार समेत समर्पण करने पर सहमति जताई है।

दिल्ली में हुई बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा) के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में ही उग्रवाद, ¨हसा और विवाद मुक्त पूर्वोत्तर भारत की कल्पना लेकर गृह मंत्रालय चलता रहा है। ये असम और पूर्वोत्तर राज्यों की शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

इस शांति समझौते को बताया शर्मनाक
इस बीच, वार्ता विरोधी उल्फा (स्वतंत्र गुट) के प्रमुख परेश बरुआ ने इस शांति समझौते को शर्मनाक बताते हुए कहा कि कोई राजनीतिक समझौता नहीं हो सकता जब क्रांतिकारियों ने अपने लक्ष्यों और विचारों को ही भुला दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस समझौते से हतप्रभ, चिंतित या गुस्सा नहीं हैं बल्कि शर्मिंदा हैं।

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