हल्द्वानी: सरकारी स्कूलों में छात्रों की लगातार घट रही संख्या…

हल्द्वानी:- सरकारी स्कूल संख्याबल में तो प्राइवेट स्कूलों से आगे हैं लेकिन सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार घट रही है। दूसरी तरफ राज्य में प्राइवेट स्कूलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इनमें छात्रों की संख्या औसत के अनुपात में सरकारी स्कूलों से ज्यादा है।

सरकारी स्कूलों की संख्या अधिक होने के बाद भी विद्यार्थियों की संख्या के मामले में वह पिछड़ते जा रहे हैं। राज्य में प्राइवेट स्कूलों का दबदबा तेजी के साथ बढ़ रहा है। इस वजह से सरकार को सरकारी स्कूलों को बंद करना पड़ रहा है।

यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफोर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस की पिछली गणना के मुताबिक राज्य में राजकीय स्कूलों की संख्या 14226 है। इनमें पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 519462 है।

प्राइवेट स्कूलों की बात करें तो उनकी संख्या 4090 है। यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 485160 है। राजकीय स्कूल में औसतन एक स्कूल में 36 बच्चे पढ़ते हैं तो वहीं प्राइवेट स्कूल में औसतन एक स्कूल में 118 बच्चे पढ़ते हैं। शिक्षकों की बात करें तो सरकारी और प्राइवेट दोनों ही जगहों पर औसतन 16 छात्र-छात्राओं पर एक शिक्षक उपलब्ध है।

स्कूल का प्रकार संख्या कुल विद्यार्थी कुल शिक्षक प्रति स्कूल छात्र संख्या
सरकारी 14226 519462 31852 36
प्राइवेट 4090 485160 29465 118
स्रोत- यूडीएसआई

नहीं सुधरी स्थिति तो बढ़ेगा और अंतर
हल्द्वानी। बंद हो रहे सरकारी स्कूलों की बात करें तो यूडीएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में हर साल 100 से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद करना पड़ता है तो वहीं हर साल 40 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल खुल रहे हैं। यही रफ्तार रही है तो आने वाले कुछ सालों में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की संख्या एक बराबर हो जाएगी।

हालांकि शिक्षा विभाग का दावा है कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है और आने वाले दिनों में इसका लाभ भी मिलेगा लेकिन हकीकत यही बताती है कि पिछले दो दशकों में सरकारी स्कूलों की दशा बिगड़ी है, जिसका लाभ सीधे तौर पर प्राइवेट स्कूलों को मिल रहा है। इसलिए अभिभावक महंगी शिक्षा होने के बाद भी प्राइवेट स्कूल में ही अपने बच्चों को पढ़ाना पसंद कर रहा है

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