हर्षोल्लास के साथ मनाया गया हाजी शेख चिराग ए हिंद ऊर्फ हाजी हरमैन का उर्स

सलातुल तारिक की नमाज अदा की गई दो रकअत जिसमें औरत और मर्दों ने साथ में पड़ी नमाज

मजार के गुस्ल और चादर पोषी की के साथ उर्स की हुई शुरुआत रात 8:00 बजे शाम में कव्वाली का रखा गया प्रोग्राम

बंदगी शाह के रोजे से उठा अखाड़ा जिसमें नौजवानों ने दिखाए अपने करतब

जफराबाद थाना क्षेत्र के शेखवाडा मोहल्ले में स्थित हाजी शेख चिराग ए हिंद का उर्स आज सुबह सबसे पहले कुरान खानी के बाद मजार को गुसल दिया गया और उसके बाद उर्स की हुई शुरुआत , बताया जाता है कि सैकड़ो वर्ष पूर्व हाजी चिराग ए हिंद पैदल ही हज के लिए जाते थे लेकिन किसी कारणवश एक वर्ष नहीं जा पाए तो उन्हें सपना आया कि आप यहीं पर सलातो तारीख के नियत से दो रकात नमाज पढ़ने तो हज की नमाज में कबूल हो जाएगा इस परंपरा को लोग आज भी निभाते आए हैं

जिस तरह से हज की नमाज होती है इस तरह से यहां भी सलातुल तारीख की दो रकात नमाज अदा की जाती है जिसे मर्द और औरत साथ में पढ़ते हैं और उसके बाद शाम को मोहल्ला नासही स्थित बंदगी शाह के मजार से अखाड़ा उठता है जिसमें नगर पंचायत के नौजवान अखाड़े में अपना करतब दिखाते हुए हाजी चिराग ए हिंद की मजार पर पहुंचते हैं और वहीं पर अखाड़ा समाप्त होता है फिर उसके बाद शाम में कव्वाली का प्रोग्राम शुरू होता है जिसमें नातिया कलाम पढ़ा जाता है देर रात तक कव्वाली का प्रोग्राम चलता है ।

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