झारखंड में कैश वैन की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी

रांची । बैंक, एटीएम सहित अन्य एजेंसियों के लिए नकदी लाने और ले जाने वाली कैश वैन की सुरक्षा को लेकर गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसमें कहा गया है कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी एक्ट 2005 के तहत रजिस्टर्ड सिक्योरिटी एजेंसी को ही बैंकों का कैश लाने-ले जाने के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए, जो एजेंसी इस कानून के तहत पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें इसका कॉन्ट्रेक्ट नहीं मिलना चाहिए।

कहा गया है कि कैश वैन में सुरक्षा के सभी इंतजाम होने चाहिए। प्रत्येक कैश वैन में एक चालक, दो हथियारबंद सुरक्षा गार्ड और दो एटीएम अधिकारी होने अनिवार्य हैं। कैश वैन पर तैनात कर्मचारियों की पुलिस वेरिफिकेशन, केवाईसी तथा उनका पुराना रिकॉर्ड चेक किया जाना चाहिए। कैश वैन में जीपीएस होना अति आवश्यक है।

गृह विभाग के द्वारा जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि कैश वैन की सुरक्षा के लिए तैनात निजी गार्ड का केवल सुरक्षा उद्देश्य के लिए उपयोग किया जायेगा। उन्हें ड्यूटी के दौरान रुपये का बक्सा ढोने में शामिल नहीं किया जायेगा, जिससे उनका ध्यान सुरक्षा से हटे। किसी निजी एजेंसी द्वारा बैंक के पैसे को ले जाने के लिए टैक्सी या किराये पर लिए गये वाहन का उपयोग नहीं किया जायेगा।

कैश वैन में चालक के साथ एक गार्ड आगे बैठेगा और दूसरा कैश वैन के पिछले भाग में बैठेगा। रुपये के बक्से को लोड करने और उतारने, शौच, जलपान या भोजन करने के दौरान कम से कम एक सुरक्षा गार्ड कैश वैन में उपस्थित रहेगा। कैश वैन एक बार में पांच करोड़ से अधिक रुपये नहीं ले जायेगी। निजी एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि 10 लाख रुपये से अधिक ले जाने के लिए सुरक्षित कैश वैन का उपयोग किया जायेगा।

साथ ही कहा गया है कि सुरक्षा गार्ड को 12 बोर डीबीबीएल शॉटगन उपलब्ध करानी होगी। बंदूक का दो वर्ष में कम से कम एक बार फायर परीक्षण करवाना चाहिए। बंदूक के कारतूस भी दो वर्ष में एक बार बदले जाने चाहिए। सरकार से अनुमोदित शस्त्रशाला द्वारा बंदूक की जांच और प्रमाणित कराई जानी चाहिए। आपात स्थिति और घटना के समय अपराधियों को भय दिखा कर रोकने और मुकाबला करने के लिए शस्त्र का प्रयोग करें।

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