दिल्ली: जी20 शिखर सम्मेलन की सफल और बेहतरीन मेजबानी करने के लिए दिल्ली पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली की साजो-सज्जा पूरी हो चुकी है। वहीं शिखर सम्मेलन के लिए विश्व के प्रमुख नेताओं का दिल्ली आगमन शुरू हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत अन्य नेता आठ सितंबर की शाम तक दिल्ली पहुचेंगे।
इसके बाद नौ सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में जी20 सम्मेलन में आ रहे मेहमानों के लिए डिनर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस रात्रिभोज के साथ ही दिल्ली में कलाकार विदेशी मेहमानों का स्वागत भी करेंगे। ये कार्यक्रम तीन घंटे का होगा जब एक साथ 78 कलाकार मेहमानों के लिए कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान भारत की कला का भी प्रदर्शन किया जाएगा। ये कार्यक्रम बेहद भव्य होने वाला है जब कलाकार भारत की कला का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान 78 वादक प्रस्तुति देंगे।
जी20 शिखर सम्मेलन के मेहमानों के लिए आयोजित होने जा रहे संगीत कार्यक्रम का संचालन संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष संध्या पुरेचा ने किया है। बता दें कि प्रगति मैदान के नवनिर्मित भारत मंडपम में शाम छह बजे से रात नौ बजे तक इस सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसका विदेश गणमान्य मेहमान लुत्फ उठाएंगे।
जानकारी के मुताबिक इस स्वागत समारोह में 34 हिंदुस्तानी वाद्य यंत्र, 18 कर्नाटक और 40 भारत के अलग-अलग राज्यों के लोक वाद्य यंत्रों से प्रस्तुति दी जाएगी। इस कार्यक्रम में 11 बच्चे, 13 महिलाएं, 7 दिव्यांग कलाकार, 26 युवक और 21 वरिष्ठ कलाकार इन वाद्य यंत्रों की मदद से शानदार मनमोहक प्रस्तुति पेश करेंगे। बताया जा रहा है कि सभी कालकार मिलकर ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ गीत पर लुभावनी परफॉर्मेंस देने के लिए तैयार है।
थीम सॉन्ग पर भी होगी परफॉर्मेंस
इस कार्यक्रम के दौरान शास्त्रीय संगीत वाद्य यंत्रों के साथ-साथ प्राचीन वैदिक संगीत वाद्ययंत्रों का भी उपयोग होगा। इस दौरान जनजातीय वाद्य यंत्रों और लोक वाद्य यंत्रों का उपयोग कर संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि ये कार्यक्रम ही एकलौता सांस्कृतिक कार्यक्रम है जो कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाला है। बता दें कि जो कलाकार इस कार्यक्रम में प्रस्तुति देंगे वो विभिन्न क्षेत्रों से आते है। सभी कलाकार मिलकर अपने पारंपरिक परिधानों को पहनकर वाद्य संत्र बजाएंगे।
कई वाद्य यंत्र होंगे प्रदर्शित
इस दौरान कई ऐसे वाद्य यंत्रों को प्रदर्शित किया जाएगा जो आमतौर पर नहीं देखने को मिलते है। इसमें सुरबहार, जलतरंग, नलतरंग, विचित्र वीणा, रुद्र वीणा, सरस्वती वीणा, धंगली, सुंदरी, भपंग और दिलरुबा जैसे कई वाद्दयंत्र शामिल है।