नई दिल्ली। केंद्र सरकार सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीवीबी) और छात्रावासों में लैब और स्मार्ट क्लासरूम उपलब्ध कराएगी। इस पहल से केजीबीवी की 7 लाख छात्राओं को लगभग 290 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लाभ मिलेगा।
शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी क्रियाशील कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीवीबी) और छात्रावासों में समग्र शिक्षा मानदंडों के अनुसार आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) लैब और स्मार्ट क्लासरूम उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, ताकि छात्राओं को सशक्त बनाया जा सके, उन्हें डिजिटल रूप से दक्ष बनाया जा सके और उनके सीखने के परिणामों को बेहतर बनाया जा सके।
केजीबीवी वंचित समूहों जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) की लड़कियों के लिए कक्षा VI से XII तक के आवासीय विद्यालय हैं। केजीबीवी शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों में स्थापित किए गए हैं, जिसका उद्देश्य इन लड़कियों तक पहुंच और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर लैंगिक अंतर को कम करना है। वर्तमान में, देश के 30 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 5116 केजीबीवी कार्यरत हैं।
आईसीटी सुविधाओं के प्रावधान से यह सुनिश्चित होगा कि केजीबीवी के छात्रों को स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के डिजिटल प्लेटफार्मों व संसाधनों जैसे कि स्वयं, स्वयं प्रभा, राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी, ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार, दीक्षा आदि तक बेहतर पहुंच होगी। इससे उनके सीखने के परिणामों में सुधार होगा।