सरकारी स्वास्थ विभाग पे भारी है प्राइवेट पैथालॉजी

*कमीशन के चलते महंगी दवाओं को लिखकर गरीबों की जेब में डाका डालते हैं डॉक्टर

*नियुक्ति कहीं और ड्यूटी कहीं

*सीएचसी के आस पास क्यों मंडराते हैं प्राइवेट पैथालॉजी संचालक?

खुलासा
महमूदाबाद, सीतापुर

मामला स्वास्थ विभाग की पोल खोल देने वाला साबित हो सकता है। जरा सोंचिए कि जब सीएचसी महमूदाबाद के इमरजेंसी वार्ड में मरीज आएं और नियुक्त चिकित्सक की जगह अन्य चिकित्सक उसे देखे और पर्चे में महंगी दवा लिखने के साथ साथ प्राइवेट पैथालॉजी के लोगों को बुलवाकर सैंपल भी करवाने लगे तो नजारा क्या होगा? हम बात कर रहे हैं खुरवल में चिकित्सक के पद पर तैनात डॉक्टर एस एन गुप्ता की जो बिना नियुक्ति के ही सीएचसी महमूदाबाद में मरीजों को देखते हैं और हमेशा सीएचसी में स्थायित्व बनाए हुए हैं। ऐसे में जब भी कोई मरीज परामर्श हेतु आता है तो डॉक्टर उनके पर्चे में महंगी दवा लिख बाहर के मेडिकल से खरीदने पर जोर देते हैं।

इतना ही नही डॉक्टर की कृपा मरीजों पर इस कदर है कि पास ही के साईं डायग्नोस्टिक के लोग भी आस पास घूमते दिखते हैं और सीएचसी के इमरजेंसी वार्ड के अंदर ही मरीजों का सैंपल ले लेते हैं। दरअसल,ऐसा हो तो क्यों ना हो क्योंकि पैथालॉजी संचालक भी तो अपने डॉक्टर साहब के लिए चाय ,पकौड़ी,समोसा लाते हुए अक्सर दिखाई देते हैं। वैसे डॉक्टर एस एन गुप्ता और पैथालॉजी संचालक अनूप अक्सर एक साथ दिखाई पड़ते हैं और दोनों की जोड़ी जय वीरू वाली देखने में भी लगती है। कई बार आए हुए मरीज भी पैथालॉजी संचालक को सरकारी कर्मचारी समझकर परामर्श भी ले लेते हैं। संचालक भी बड़े चाव से मरीजों को अपने ही डायग्नोस्टिक सेंटर से जांच करवाने की सलाह देने में नही चूकता है।इससे ये मालूम पड़ता है कि मोटे कमीशन के चलते यह खेल बड़े स्तर पर चल रहा है।

क्या बोले सीएचसी अधीक्षक

मामले को लेकर सीएचसी अधीक्षक आशीष कुमार सिंह ने बताया की यह बात उनके संज्ञान में आई है। डॉक्टर एस एन गुप्ता इस सीएचसी में नियुक्त नही हैं उनकी नियुक्ति पीएचसी खुरवल में है। परिसर में उच्च अधिकारियों द्वारा सभी जरूरी दवाएं पहले से सीएचसी को मिली हुई हैं। किसी भी प्राइवेट पैथालॉजी द्वारा सीएचसी के भीतर जांच हेतु सैंपल लेना गैर कानूनी है।मामले की जांच कर विधिवत कार्यवाही की जाएगी।

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