कुशल कामगारों के लिए अच्छा अवसर: अनिल

इजराइल ने की कुशल कामगारों की मांग

गौरा गांव में लगे गोविन्द शाह मेले मे पहुंचे थे श्रम एवं रोजगार मंत्री

रसडा (बलिया)। कुशल कामगारों की मांग इजराइल सरकार ने की है। यह कुशल कामगारों के लिए अच्छा अवसर है। कुशल कामगारों को इजराइल भेजने के के लिए सरकार काम कर रही हैं। उत्तर प्रदेश से कम से कम दस हजार कामगार इजराइल जाएं। इस पर हम लोग कार्य रहे हैं। यह बातें बलिया जिले के रसड़ा में गोविंद शाह के मेले में पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम व रोजगार मंत्री अनिल राजभर ने कही।


कहा कि कामगारों की उम्र 18 से 55 वर्ष हो व उन्हें थोड़ी अंग्रेजी आनी चाहिए। भवन निर्माण, गार्ड व कारपेंटर जैसे कामगारों की मांग इजराइल सरकार द्वारा की गई है। वहीं कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा विद्यालयों से हिजाब पर प्रतिबंध को हटाने के फैसले पर कहा कि कहीं भी अगर संकीर्णता है तो सरकार को विचार करना चाहिए। इससे किसी का भला नहीं होता चाहे सरकार किसी की भी हो। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका यह फैसला सड़क छाप व सस्ती लोकप्रियता हासिल करने करने के लिए लिया गया है। वहीं रोजगार के सवाल पर उन्होंने दावा किया कि पिछले छः वर्ष के अंदर आठ लाख से भी ज्यादा बेरोजगारों को भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा सरकारी नौकरी से जोड़ा गया है।

वहीं निजी क्षेत्र में दस लाख से भी अधिक बेरोजगारों की समस्या का समाधान किया गया है और बड़े पैमाने पर स्वरोजगार के अवसर को उपलब्ध कराने के लिए सरकार बड़े स्तर पर कार्यक्रम चला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को स्वरोजगार के माध्यम से लोगों को रोजगार देने का एक बड़ा सशक्त माध्यम सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि इन आंकड़ों को 75 वर्ष की सरकार में योगी व मोदी सरकार को छोड़कर कहीं कोई आंकड़ा दिखा दें तो जो कहें वो हार मान जाएंगे। वहीं जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भाजपा में द्वीमत के सवाल पर उन्होंने कहा कि “मैं भी कह रहा हूं कि भारतीय जनता पार्टी कभी जातीय जनगणना की विरोधी नहीं रही है।” कांग्रेस व सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि “आज जातिय जनगणना की बात करने वाले लोग जब 2011 में देश की जनगणना हो रही थी तो कहां सोए थे। कहा कि उनके ही समर्थन से दिल्ली की कांग्रेस पार्टी की सरकार चल रही थी तो राहुल गांधी क्या बेचने गए थे व अखिलेश कहां पर्यटन करने गए थे ।” उस समय इन लोगों को पिछड़ा व दलित नहीं दिखाई दिया और आज वोट के लिए ये जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं। इसी लिए इन्हें समर्थन नहीं मिल रहा है। इस मौके पर प्रवीण सिंह, निखिल त्रिपाठी, वेद प्रकाश सिंह, सत्य सिंह, गोविंद राजभर, वकील राजभर, किशन सोनी आदि उपस्थित रहे।

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