गुलाम जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय होना हर भारतीय की इच्छा- अमित शाह

श्रीनगर। लोकसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती योजनाबद्ध तरीके से घटाने और सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) हटाने पर भी विचार किया जाएगा। कानून व्यवस्था से लेकर आतंक के मोर्चे पर अब जम्मू-कश्मीर पुलिस आगे रहेगी।

वहीं, सितंबर 2024 के अंत तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का गठन होगा और यह पीएम मोदी का वादा है। मोदी का वादा मतलब पूरा होने की गारंटी। हुर्रियत या पाकिस्तान से बातचीत का कोई इरादा नहीं है, बातचीत सिर्फ कश्मीर के युवाओं से ही होगी। गुलाम जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है।

गुलाम जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय होना हर भारतीय की इच्छा
भारत की संसद ने भी एक प्रस्ताव पारित किया है। गुलाम जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा है। गुलाम जम्मू-कश्मीर की जमीन और वहां रहने वाले मुस्लिम भी हमारे भाई-बहन हैं। गुलाम जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हर भारतीय की इच्छा और लक्ष्य है।

प्रधानमंत्री का वादा है कि यहां लोकतंत्र बहाल हो, लेकिन यह तीन परिवारों पीडीपी, नेकां व कांग्रेस का लोकतंत्र नहीं होगा। यहां जनता द्वारा चुनी गई सरकार ही बनेगी। यह विश्वास केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार देर शाम को एक टीवी चैनल के साथ अपने साक्षात्कार में दिलाया।

जम्मू-कश्मीर को मजबूत बनाया गया है: शाह
कश्मीर में सुरक्षाबलों की वापसी से संबंधित सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि चुनाव के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। हमने इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली है। हमने जम्मू-कश्मीर पुलिस को मजबूत बनाया है। केंद्रीय बल उसे पीछे रहकर सहयोग करेंगे।

उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्ष में एक भी फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई है और सुरक्षाबलों ने जब भी नियमों को तोड़ा या उन्होंने कहीं कोई गलत काम किया, उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की गई है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा भारत के साथ दोस्ती की इच्छा जताए जाने के सवाल पर शाह ने कहा कि उन्हें पहले गुलाम जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में स्थित आतंकी ढांचा नष्ट करना होगा और भारत विरोधी गतिविधियां बंद करनी होंगी।

‘केवल युवाओं से होगी बात’
कश्मीर के मुद्दे पर अलगाववादियों या पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावना को नकारते हुए उन्होंने कहा कि अब केवल कश्मीर के युवाओं से बात होगी। हमने आतंकियों के महिमामंडन को बंद किया है। सरकारी तंत्र में बैठे उनके समर्थकों को नौकरी से बाहर किया है।

आतंकियों और अलगाववादियों की 150 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की संपत्ति को जब्त या फिर अटैच किया गया है। नौ संगठनों को प्रतिबंधित किया है। लोग आज सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि आतंकी हि‍ंसा लगभग समाप्त हो गई है और पत्थरबाजी पूरी तरह बंद है। इसी के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताने के लिए ही श्रीनगर में हाल में हुई रैली में बड़ी संख्या में लोग आए। वर्ष 1985 के बाद यह कश्मीर में किसी प्रधानमंत्री की अब तक की सबसे बड़ी सफल रैली रही है।

‘सुरक्षित रहेगी सांस्कृतिक पहचान’
शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 की आड़ में यहां आतंकवाद और अलगाववाद पैदा हुआ, पाकिस्तान ने इसका लाभ उठाया। 40 हजार से ज्यादा कश्मीरी नौजवान बीते 30 वर्षों में इसके कारण मारे गए हैं। अनुच्छेद-370 को लेकर भ्रांतियां दूर हो चुकी हैं। आज भी कश्मीरियों की संस्कृति और पहचान बरकरार है।

कश्मीर में एक दिन कमल जरूर खिलेगा
भाजपा ने कश्मीर संभाग की दो और जम्मू व कश्मीर संभाग में फैली अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट के लिए अपने उम्मीदवार तय नहीं किए हैं। इनका निर्णय समयानुसार लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा कश्मीर को लेकर किसी भी जल्दबाजी में नहीं है। हम वहां अपना संगठन धीरे-धीरे मजबूत बना रहे हैं, आम लोग बड़ी संख्या में हमारे साथ जुड़ रहे हैं और वह समय जल्द आएगा, जब कश्मीर में कमल पूरी तरह से खिलेगा।

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