ज्योतिष शास्त्र में कुंडली देखकर भविष्य की गणना की जाती है। इससे वैवाहिक जीवन की स्थिति की गणना भी की जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार बृहस्पति और शुक्र को विवाह का कारक माना जाता है। जहां गुरु ग्रह कन्या के विवाह के कारक होते हैं, वहीं शुक्र ग्रह लड़कों के विवाह के कारक होते हैं। जिन लड़कियों की कुंडली में गुरु मजबूत स्थिति में रहता है उनका विवाह जल्दी सम्पन्न होता है लेकिन गुरु ग्रह के कमजोर होने पर शादी में अड़चन आती है। साथ ही कई दोषों के कारण शादी में रुकावट आती है। अगर आपके विवाह में बाधा आ रही है, तो ये उपाय जरूर करें।
आजमाएं ये उपाय
शुक्रवार के दिन किसी दिव्यांग (नेत्रहीन) व्यक्ति को उसके उपयोग की सुगंधित वस्तु अथवा इत्र को दान करने से शीघ्र ही विवाह सुख की प्राप्ति होती है।
यदि किसी पुरुष जातक के विवाह में विलंब हो रहा है तो शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार के दिन किसी पात्र में दो इलायची व साथ में पांच तरह की मिठाई रख कर साथ में घी का दीपक प्रज्वलित कर देवी को अर्पित करें।
शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार के दिन दो मोती बाजार से खरीद कर लाएं, इनमें से एक को अपने ऊपर से सात बार घुमा कर किसी नदी की बहती हुई धारा में प्रवाहित कर दें। इसके साथ के दूसरे मोती को सदैव अपने पास रखें तो विवाह कार्य में आ रही बाधा शीघ्र ही समाप्त हो जाएगी।
विवाह कार्य में किसी भी तरह की बाधा आने की स्थिति में घर के दक्षिण पश्चिम स्थान पर नित्य सांयकाल चमेली के तेल का दीपक जलाएं। इससे विवाह में आ रही बाधा दूर होती है।
पानी में बड़ी इलायची डालकर उसे उबाल लें। फिर इस जल को नहाने के पानी में मिलाएं। अब इस पानी से स्नान करें। इस उपाय से शुक्र दोष का निवारण होगा।
अगर कुंडली में गुरु कमजोर है, तो केले के पौधे में हल्दी मिला जल चढ़ाएं। इससे गुरु मजबूत होगा।