पटना, दिल्ली और गुरुग्राम बन रही गैस चेंबर

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में किसी तरह की गिरावट देखने को नहीं मिल रही है। सरकार की कई कोशिशों के बाद भी कई शहरों का एक्यूआई 300 के पार ही दर्ज किया जा रहा है। दिल्ली के प्रदूषण को लेकर राज्य के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आने वाले 2-3 दिनों में प्रदूषण में कमी होगी, इसलिए अब भी ग्रेप-3 लागू है, जिसके कारण कई चीजों पर पाबंदी बनी हुई है।

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण हालात में बदलाव
हालांकि, भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से प्रदूषण की ‘गंभीर’ स्थिति से थोड़ी राहत जरूर मिली है। कई शहरों में एक्यूआई 300 के नीचे रहा है। दरअसल, हवा की दिशा बदलने के कारण अब पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर में प्रवेश नहीं कर रही है, जिस कारण स्थिति में सुधार देखा जा रहा है। हालांकि, अब भी कई शहरों का एक्यूआई स्तर 300 के पार ही देखा जा रहा है।

दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा
दिल्ली में प्रदूषण की चादर घनी हो गई है, जिसके कारण कई जगहों पर विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम है। सफर ऐप के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का आज AQI 388 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, गुरुवार सुबह, जहांगीरपुरी में 434, बुराड़ी में 441, बवाना में 441, द्वारका में 412, आनंद विहार में 387, अशोक विहार में 386 एक्यूआई दर्ज किया गया है। इसके अलावा, नोएडा में AQI 363, ग्रेटर नोएडा में 369, गुरुग्राम में आज AQI का आंकड़ा 321 और फरीदाबाद में एक्यूआई 417 दर्ज किया गया है।

क्या है AQI?
एक्यूआई हवा की गुणवत्ता आंकने का एक सूचकांक है, जिससे यह पता लगाया जाता है कि एक शहर की हवा कितनी प्रदूषित है। AQI के रेंज को बांटा गया है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि कहां-कैसी स्थिति है। यदि एक्यूआई 50 के रेंज में है, तो इसे अच्छी श्रेणी में रखा जाता है, 51-100 में है तो, ठीक माना जाता है; 101-200 की श्रेणी अच्छी नहीं है; 201-300 के एक्यूआई को खराब की श्रेणी में रखा जाता है; 301-400 को बहुत खराब श्रेणी का माना जाता है और 401-500 को बेहद गंभीर या खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है।

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