हाथरस :- श्याम कुंज स्थित एम०एल०डी०बी० एवं तरफरा रोड़ स्थित आर० के०एस०के० इण्टरनेशनल स्कूल में भारतीय आजादी के पुरोधा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पाकिस्तान से हुये युद्ध में जय जवान जय किसान का शंखनाद उद्घोषित कर जवानों एवं किसानों में नवस्फूर्त का संचार करने वाले प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। माँ सरस्वती एवं गांधी और शास्त्री के छविचित्रों पर मुख्य अतिथि पूनम सिंह, संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त, डिप्टी डायरेक्टर कुमुद कुमार गुप्ता, प्रशासनिक प्रमुख हर्षित गुप्ता (एडवोकेट), प्रधानाचार्या पूनम वार्ष्णेय एवं आर०के०एस०के० की प्रधानाचार्या प्रियंका गुप्ता ने दीप प्रज्जवलन एवं माल्यापर्ण कर ध्वजारोहण किया ।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने बतलाया कि संसार में लोग सुख और भोग को खोजने के लिये आते हैं, लेकिन बापू तो सत्य, अहिंसा, प्रेम का सन्देश देने के लिये पृथ्वी पर अवतरित हुये थे। दक्षिण अफ्रीका में गोरे और काले के बीच जातिभेद ने बापू के अन्दर एक ऐसा गांधी पैदा किया, जिसने सत्याग्रह, अहिंसा के द्वारा 200 वर्ष पुरानी अंग्रेजों की जड़ें हिला दीं एवं 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजाद कराया । बापू का विचार था कि समाज को बदलने के लिये पहले हमें स्वयं को बदलना होगा, हिंसा को अहिंसा से शत्रुता को प्रेम से, गरम को ठण्डे से, अहंकार को दयालुता एवं विनम्रता से जीतना होगा। बापू के सिद्धान्त आज सम्पूर्ण विश्व में पूज्यनीय हैं एवं उन पर चलकर सम्पूर्ण विश्व को शान्ति, सद्भाव, स्वच्छता, प्रेम एवं मानव-मानव में भेद रहित वातावरण का संदेश केर सम्पूर्ण संसार में भारत की विजय दुन्दुवी बजा रहे हैं। वक्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री कोनमन करते हुये उन्हें साहासी, सरल, सौम्य एवं गरीबों का मसीहा बताकर उनके चरणों में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर संजय मिश्रा, गीता गौतम, काजोल वार्ष्णेय, निधि चतुर्वेदी, उप प्रधानाचार्या साजिया रफीक खान, कमलकान्त शर्मा प्रीति सेंगर, कामनी, प्रवीण कुमार ने बापू एवं शास्त्री को भारत का मसीहा बतलाते हुये उनके चरणो में श्रद्धा सुमन अर्पित किये। कार्यक्रम का संचालन ललिता पाठक द्वारा उत्कृष्ट रूप से किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने मेंजितेन्द्र कुमार, हिमांशु वार्ष्णेय, अमित कुमार, उमेशदत्त शर्मा आर०के० शर्मा, जीतू अरोरा, पुनीत वार्ष्णेय, श्याम सिंह एवं राजेन्द्र प्रसाद आदि का सहयोग रहा । अन्त में संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।