उरई। ई-रिक्शा चालकों के विरोध के बाद अब संस्थान उन्हें शहर में प्रशिक्षण देगा। इसके लिए रोडवेज बस स्टैंड का चयन किया गया है। कई चरणों में प्रशिक्षण होगा। हर चरण में 50 चालकों को शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण दस दिन तक रहेगा। 14 मार्च से प्रशिक्षण शुरू किया जा सकता है।
ई-रिक्शा चालकों को लाइसेंस बनवाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना था। शासन ने प्रशिक्षण के लिए उत्तर प्रदेश प्राविधिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान को नियुक्त किया था। संस्थान ने प्रशिक्षण के लिए जगह मांगी थी। इसके बाद विभाग ने जगह और स्टाफ की व्यवस्था कर दी। प्रशिक्षण 29 फरवरी से शुरू होने थे, लेकिन अब प्रशिक्षण इसी सप्ताह शुरू होगा। संस्थान के ट्रेनर अनिल मैसी ने बताया कि परिवहन विभाग ने जगह निश्चित कर दी है। रोडवेज बस स्टैंड पर 14 मार्च से ई-रिक्शा चालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पहले चरण में करीब 50 ई-रिक्शा चालकों को शामिल किया जाएगा। बड़ी टीवी स्क्रीन पर नियमों की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद ई-रिक्शा चलाने और दुर्घटना से बचने के बारे में जानकारी दी जाएगी। अभी तक शहर में 560 ई-रिक्शा चालकों ने प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करवा लिया है। इसमें से सिर्फ 110 चालकों के ही कागज सही निकले हैं। शेष कागजों में कई कमियां हैं। उन्हें दूर किया जा रहा है। सही कागज लाने की जानकारी दी जा रही है।
बिना पंजीकरण जिले में दो हजार से ज्यादा ई-रिक्शा
ट्रेनर ने बताया कि परिवहन विभाग में दो हजार ई-रिक्शों का पंजीकरण है। इसके अलावा एक हजार के करीब ई-रिक्शों का कोई पंजीकरण नहीं है। शहर के साथ जिले में करीब सात हजार ई-रिक्शा हैं। इसमें से दो हजार के करीब ई-रिक्शा का पंजीकरण नहीं है। प्रशिक्षण के बाद इस पर नकेल सकी जा सकेगी।