कानपुर । निषाद राज बोट सब्सिडी योजना में लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने एक बार और आवेदन करने के लिए पोर्टल को खोलने का निर्णय लिया है। यह जानकारी शुक्रवार को कानपुर सहायक निदेशक मत्स्य एन.के. अग्रवाल ने दी।
उन्होंने बताया कि अगस्त माह में कानपुर में मछुआ समाज के महज 19 लोगों ने आवेदन किया है। प्रदेश की योगी सरकार एवं शासन का मानना है कि कानपुर नगर जैसे जिले में इस योजना का लाभ लेने के लिए बहुत ही कम लोगों ने आवेदन किया है, जिससे डीएलसी की बैठक को फिर से निरस्त कर दिया गया।
उन्होंने बताया योगी सरकार प्रदेश में रहने वाले पिछड़ा वर्ग के सबसे कमजोर वर्ग मछुआरा समाज को मजबूत करने के लिए कई लाभकारी योजनाएं संचालित कर रही है, जिसके तहत उप्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, निषाद राज बोट सब्सिडी योजना, मुख्यमंत्री मछुआ आवास योजना समेत अन्य योजनाओं का लाभ देने के लिए आवेदन मांगे थे।
इस वित्तीय वर्ष में मत्स्य विभाग ने निषाद राज बोट सब्सिडी योजना के लिए लाभ देने के लिए विभिन्न माध्यमों से मछुआरा समाज से अपील की है। विभाग ने अपील की है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी समाज का व्यक्ति आवेदन कर सकता है जो मछली के कारोबार से विगत काफी दिनों से जुड़ा हुआ है।
इस योजना के तहत सरकार प्रत्येक लाभार्थी को 67 हजार रुपए खर्च करने होगे। जिसमें मछुआरा समाज के प्रत्येक लाभार्थी को नाव 50 हजार की खरीदनी होगी और 17 हजार में मछली पकड़ने के लिए जाल एवं लाइफ जैकेट, जाल और आइस बाक्स भी खरीदना होगा। सरकार इस योजना में प्रत्येक लाभार्थी को 40 प्रतिशत अर्थात 26 हजार आठ सौ रुपए का अनुदान देगी।
योगी सरकार मछुआरा समाज के आवेदकों में सबसे पहली प्राथमिकता परम्परागत मत्स्य कारोबार से जुड़े अन्त्योदय कार्ड धारक और उसके बाद आवास विहीन मछुआरों को देगी। तीसरी प्राथमिकता मछुआरा समाज के अन्य लोगों और सबसे बाद में मत्स्य कारोबार से जुड़े अन्य दूसरे समाज के लोगों को लाभ दिया जाएगा।