चार साल बाद पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ….

इस्लामाबाद:- पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ चार साल बाद लंदन से शनिवार दोपहर को अपने देश लौट आए। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ के स्वागत के लिए इस्लामाबाद एयरपोर्ट पर पूर्व विधि मंत्री आजम तरार समेत पार्टी के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। पीएमएल-(एन) के वरिष्ठ नेता इशाक डार के मुताबिक नवाज शरीफ आज ही इस्लामाबाद से लाहौर जाएंगे और शाम 05 बजे मीनार-ए-पाकिस्तान पर पार्टी की एक जनसभा को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करेंगे। इशाक डार के मुताबिक नवाज शरीफ लंदन से दुबई होते हुए इस्लामाबाद पहुंचे हैं।

नवाज ऐसे समय में पाकिस्तान लौटे हैं जब देश में आम चुनाव की घोषणा कर दी गई है। पाकिस्तान में अगले साल जनवरी के अंतिम सप्ताह तक चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। फिलहाल पाकिस्तान के प्रशासनिक कामकाज की कमान कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में अनवार-उल-हक काकड़ संभाल रहे हैं। पाकिस्तान के लिए उड़ान भरने से पहले दुबई एयरपोर्ट पर नवाज ने पत्रकारों से कहा कि वो अल्लाह पर सब कुछ छोड़कर पाकिस्तान जा रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश के हालात 2017 की तुलना में कहीं अधिक बिगड़ गए हैं। हमारा देश आगे बढ़ने के बजाय पीछे चला गया है।

उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद नवाज को वर्ष 2018 में कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया था। जेल में बंद नवाज को वर्ष 2019 में तबीयत बिगड़ने के बाद कोर्ट ने इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी। इसके बाद वह लंदन में रहकर अपना इलाज करा रहे थे और गिरफ्तारी के डर से पाकिस्तान नहीं लौटे थे। तीन दिन पहले ही इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने नवाज शरीफ की वतन वापसी का रास्ता साफ किया था। हाई कोर्ट ने नवाज को भ्रष्टाचार के दोनों ही मामलों में सुरक्षात्मक जमानत दे दी। यानी अब उनको जेल नहीं भेजा जाएगा। कोर्ट से राहत मिलने के बाद वो करीब चार साल बाद अपने वतन वापस आए हैं।

73 वर्षीय नवाज पाकिस्तान के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं। पाकिस्तान की राजनीति में उनके परिवार की अच्छी दखल है। नवाज और उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ दोनों प्रधानमंत्री रह चुके हैं। दोनों ही भाई पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। वर्ष 1990 में नवाज पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद 1997 और 2013 में क्रमशः दूसरी और तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए। पाकिस्तान में उनकी गैरमौजूदगी में पार्टी की कमान उनकी बेटी मरियम नवाज और भाई शहबाज संभाल रहे थे

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