हमीरपुर : वर्ष 2011 में एक किशोरी को घर से ले जाने के बाद उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने समेत अन्य मामलों में दर्ज हुई रिपोर्ट के बाद शुक्रवार को न्यायालय में हुई सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश एससी एसटी सुनील खरवार ने चार आरोपितों को आजीवन कारावास व दो को तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई है।
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह ने बताया कि सदर कोतवाली के एक मोहल्ला निवासी पीड़ित ने बीती 14 नवंबर 2011 को सदर कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि 11 नवंबर की मध्य रात उसकी 13 वर्षीय बेटी को श्रीकांत, रघुराज व भूरा के सहयोग से छेदालाल ले गया। घर में रखी नकदी व जेवर साथ ले गए। वह सभी जगह बेटी की तलाश करता रहा लेकिन पता नहीं चला। उसने जवेर लेकर बेटी की हत्या करने की आशंका जताई। पुलिस ने अपहरण व एससीएसटी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सात जनवरी 2012 को पुलिस ने किशोरी को बरामद कर बयान कराए। जिसके आधार पर पुलिस ने मुख्यालय के डिग्गी मोहल्ला निवासी छेदालाल व श्रीकांत, लक्ष्मीबाई तिराहा निवासी रघुराज सिंह, जालैान जनपद के थाना कदौरा अंतर्गत बड़ा गांव निवासी श्याम सिंह व रामऔतार, शिव कुमार निवासी जवार खेड़ा निवासी कोतवाली व जनपद उन्नाव के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण व एससीएसटी में आरोप पत्र तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले में आरोपी एक किशोर का मुकदमा किशोर न्याय बोर्ड में दाखिल किया गया। किशोरी के बयान के आधार पर विशेष न्यायाधीश सुनील खरवार ने मामले की सुनवाई करते हुए शिवकुमार व रामऔतार को सामूहिक दुष्कर्म के साथ एससीएसटी का दोषी माना और छेदालाल को को गृह भेदन, अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म के साथ एससीएसटी का दोषी माना। श्रीकांत को गृह भेदन, अपहरण व एससीएसटी का दोषी मान चारों को उम्रकैद की सजा सुनाई और शिवकुमार व रामऔतार पर 20-20 हजार रुपये जुर्माना लगाया। वहीं छेदालाल व श्रीकांत पर 30-30 हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया। इसके अलावा रघुराज व श्याम सिंह को अपहरण व एससीएसटी का दोषी मान तीन-तीन वर्ष का कारावास व छह-छह हजार रुपये जुर्माना सुनाया है।