रामसनेहीघाट बाराबंकी- “होता है सारे विश्व का कल्याण यज्ञ से जल्दी प्रसन्न होते हैं भगवान यज्ञ से” इन मधुर स्वर लहरियों के बीच गायत्री शक्तिपीठ रामसनेहीघाट पर चल रहे चार दिवसीय राष्ट्र जागरण अभियान गायत्री महायज्ञ कार्यक्रम का बुधवार को समापन हो गया इस अवसर पर सैकड़ो गायत्री परिजनों एवं क्षेत्रीय लोगों द्वारा यज्ञ भगवान को आहुतियां समर्पित की गई!
इस कार्यक्रम के अंतिम दिन उपस्थित परिजनों को संबोधित करते हुए शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे टोली नायक रमेश चंद्र डेहरिया ने कहा कि मनुष्य जीवन बड़े ही सौभाग्य से मिलता है इसलिए जिन उद्देश्यों के तहत मानव शरीर मिला है इसका पूर्ण सदुपयोग किया जाना चाहिए! उन्होंने कहा कि मनुष्य ईश्वर का राजकुमार एवं उत्तराधिकारी है! जीवन की उत्पत्ति के समय ईश्वर ने सबसे अंत में मनुष्य का निर्माण किया तथा उसकी बुद्धिमत्ता को देखते हुए अपना एक अंश उसे समर्पित किया उन्होंने कहा कि हर मनुष्य ईश्वर के एक अंश का अवतार है यही कारण है कि मनुष्य में ही नारायण बनने की क्षमता है! श्री डेहरिया ने कहा की हर मनुष्य को चाहिए कि ईश्वर ने उसे जिस उद्देश्य से धरती पर भेजा है उसे पूर्ण करने का प्रयास करें अन्यथा उसे 84 लाख योनियों में भटकना पड़ेगा!
कार्यक्रम के अंत में गायत्री परिवार रामसनेहीघाट द्वारा हरिद्वार से पधारी टोली को विदाई दी गई इस मौके पर उन्हें अंग वस्त्र व विभिन्न उपहार से सम्मानित किया गया टोली द्वारा सफल आयोजन के लिए गायत्री शक्तिपीठ रामसनेहीघाट से जुड़े सभी परिजनों का भी माल्यार्पण कर सम्मान किया गया!