छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए पूर्व राज्यमंत्री ने सीएम को भेजा पत्र

छात्रसंघ से निकलने वाला युवा सदैव राष्ट्र एवं समाज में अपना देता है योगदान

छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाने लोकतंत्र में अनुपयुक्त

जेपी के नेतृत्व में छात्रों में निभाई थी अहम भूमिका

बलिया। उप्र के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराये जाने की मांग को लेकर भाजपा के पूर्व मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा है। जिसमे उल्लेख किया है कि भारत विश्व का सर्वाधिक प्राचीन एवं सशक्त लोकतंत्र है। राजनैतिक दल लोकतंत्र के प्राणतत्व व राजनैतिक कार्यकर्ता लोकतंत्र की समृद्धि व जीवतता के लिए सर्वथा अनिवार्य है। राजनैतिक कार्यकर्ता के निर्माण की प्रक्रिया में राष्ट्रीय समपर्ण व समाज सेवा की भावना होना अपिरहार्य है। छात्रसंघ से सेवा व संघर्ष की प्रेरणा प्राप्त करने वाला युवा सदैव राष्ट्र व समाज के लिए अपना गुणवत्तायुक्त सम्पूर्ण योगदान देने के लिए तत्पर रहता है।

भारत के महान लोकतंत्र को अनेक अवसरों पर छात्रनेताओं ने अपने निष्काम समपर्ण से बल प्रदान किया है। 1974-1977 के छात्र आन्दोलनों ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए सम्पूर्ण क्रान्ति के माध्यम से भारत में लोकतंत्र को अमरत्व प्रदान करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कतिपय कारणों से विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रसंघ के चुनाव नहीं कराये जा रहे है जो उज्ज्वल लोकतंत्र के लिए सवर्था अनुपयुक्त है। छात्रसंघ चुनाव से अनेक प्रतिभाएं निकली है। जिन्होंने प्रदेश व देश में अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया है। मंत्रिपरिषद में भी छात्र राजनीति की उपज उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित कई अन्य मंत्रीगण भी है जो आपके योग्य नेतृत्व में प्रदेश की सेवा में अहर्निश गतिमान हैं। छात्रसंघ की राजनीति से विभिन्न पारिवारिक पृष्ठभूमि के छात्र-छात्रा भी राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश करते है, किन्त छात्रसंघ चुनाव नहीं होने से परिवारवाद, जातिवाद व धनबल के आधार पर ही राजनीति में प्रवेश करने वालो की संख्या बढ़ती जा रही है जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अत्यंत घातक है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि छात्रसंघ चुनाव अवश्य कराये जाएं। यद्यपि गुणदोष के आधार पर लिंगदोह समिति की अनुशंसा के अनुरूप विगत कुछ वर्षों में यदा-कदा छात्रसंघ चुनाव कराये गए है, किन्तु सतीश चन्द्र कॉलेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष के नाते यह स्वीकार करता हूं कि लिंगदोह समिति की कुछ अनुशंसाएं छात्रराजनीति की भ्रूण हत्या करने जैसी है। अतः लिंगदोह समिति के अनुशंसाओं में संशोधन करते हुए प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रसंघ के चुनाव आवश्यक रूप से कराये जाने हेतु सम्बन्धित को आदेशित करने की कृपा करें।

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