अमित शाह की मौजूदगी में बलिया में बीजेपी का थाम सकते है दामन
समर्थकों के कहने पर बीजेपी में जाने का लिया निर्णय
सपा जिलाध्यक्ष व उम्मीदवार पर साजिश करने का लगाया आरोप
सपा मुखिया को भी नहीं होगा कोई पूछनहार
बलिया। खबर बलिया जिले से है, जहां समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री नारद राय ने सोमवार को समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और जय श्रीराम के नारे लगाने के साथ ही भाजपा में जाने का निर्णय लिया। यह निर्णय पूर्व मंत्री नारद राय ने बलिया संसदीय क्षेत्र से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सनातन पांडेय के समर्थन में कटरिया गांव में आयोजित जनसभा में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा जिला संगठन व उम्मीदवार के इशारे पर अपमानित किए जाने के बाद खोड़ीपाकड़ में समर्थकों के साथ बैठक करने के बाद लिया।
कहाकि समाजवादी पार्टी से हमारा अब कोई रिश्ता नहीं है। कहाकि पार्टी के किसी भी व्यक्ति ने मिलकर खेद प्रकट करना मुनासिब नहीं समझा। यहां तक कि उम्मीदवार सनातन पांडेय तक नहीं। एक सवाल पर उन्होंने कहाकि शिवपाल सिंह यादव अगर सुबह फोन किए होते और कहे होते की तुम्हारे साथ अन्याय हुआ है। मैं तुम्हारे साथ हूँ तो शायद मैं यह फैसला नहीं लेता। कहाकि समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष और फेफना विधायक संग्राम सिंह यादव और उम्मीदवार सनातन पांडेय ने साजिश के तहत अपमानित कराने काम किया। नारद राय ने कहाकि समाजवादी पार्टी छोड़ने का बहुत दु:ख है। कहाकि जिस पार्टी में मैं साल से काम कर रहा हूं, उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष नाम भूल जाए। इसी से अंदाजा लगा सकते है। जिसका बाप नहीं होता है उसे परिवार व राजनीति में कोई पूछने वाला नहीं होता है। एक दिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी कोई पूछने वाला नहीं होगा। इसके बाद वह भी हम लोगों की भांति घूमने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुझे बलिया से टिकट दिया और साथ ही हराने का भी इंतजाम कर दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष फेफना में आए, लेकिन बलिया मुख्यालय पर नहीं आए। कहाकि जनता आपके साथ है। इसी प्रकार नीरज शेखर के चुनाव में भी किसी ने कहा कि अंबिका चौधरी धीरे चल रहे हैं। जिस पर उन्होंने कहा था कि नीरज हार जाएगा तो उसका करियर समाप्त हो जाएगा। कहाकि बलिया संसदीय क्षेत्र के पांचो विधानसभाओं से सभी वर्गों के लोग अपने साधन से 10000 की संख्या में आए हुए हैं। मैं किसी को अपना साधन नहीं उपलब्ध कराया। इनका निर्णय मेरा निर्णय है। इनका सम्मान मेरा सम्मान है। नहीं तो मैं कहां जाऊंगा। मेरा हर्ष क्या होगा। इन्हीं की बदौलत मैं हूं। इनके निर्णय के अनुसार ही मैंने जय श्रीराम का नारा लगाया है। सूत्रों की माने तो बुधवार को अमित शाह की जनसभा में हजारों समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।