- फाइलेरिया रोगियों को प्रदान की गई एमएमडीपी किट एवं मिला प्रशिक्षण
बलिया। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। इसको लेकर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। फाइलेरिया मरीजों को दवा सेवन के साथ- साथ योग, व्यायाम, साफ- सफाई की भी जानकारी दी जा रही है एवं पेशेंट प्लेटफार्म का भी गठन किया जा रहा है। इस क्रम मे गुरुवार को सोहांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत उजियार में जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव की अध्यक्षता एवं ग्राम प्रधान शोएब अंसारी की उपस्थिति में पेशेंट प्लेटफार्म का गठन किया गया। इस प्लेटफार्म में 48 फाइलेरिया के मरीज शामिल हुए। पेशेंट प्लेटफार्म के सदस्य दूसरे फाइलेरिया मरीजों को भी जागरूक करेंगे। फाइलेरिया के रोगी स्थानीय स्तर के समुदाय को 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे।
पेशेंट प्लेटफार्म बनाना सराहनीय पहल – सोहांव ब्लॉक के उजियार ग्राम के ग्राम प्रधान शोएब अंसारी ने पेशेंट प्लेटफार्म के सदस्यों से कहा – आप सभी लोग सोहांव ब्लॉक के विभिन्न गांवों और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम में फाइलेरिया रोगियों की मदद करने में सहयोग करें, क्योंकि सरकार ही नहीं बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि अपने घर परिवार, आस पड़ोस सहित गांव से फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को उन्मूलन करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर अलग पहचान बनायेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफा़र) संस्था के सहयोग से इस कार्य को किया जा रहा है, जो बहुत ही सराहनीय पहल है। फाइलेरिया रोगी खुद पेशेंट प्लेटफार्म के रूप में एक समूह बनाकर गांव- गांव जाकर आम लोगों को फाइलेरिया बीमारी के बारे में अपने अनुभवों के आधार पर जागरूक करेंगे। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी वन्दना राज, आशा संगिनी अनिता क्षेत्रीय आशा, पाथ संस्था के आर एन टी डी ओ डॉ. अबू कलीम, जिला समन्वयक वेद प्रकाश, सीफार संस्था के प्रतिनिधि, पीसीआई संस्था के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।
4011 मरीजों को एमएमडीपी किट किया गया वितरित
बलिया। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि वर्तमान में जनपद में लिम्फोडीमा फाइलेरियासिस (एलएफ़ ) के 4269 मरीज हैं। इन मरीज़ों में से 4011 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी हैं। कहा कि सर्वजन दवा वितरण (एमडीए) अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएँगे। सभी लोगों से यह अनुरोध है कि स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा खाएं।