पीड़ित का आरोप क्षेत्रीय लेखपाल अंकिता वर्मा कहती विधायक हमारे मामा है।
हरीशंकर गुप्ता
बिसवॉ,सीतापुर । तहसील बिसवॉ में इन दिनों सरकार और जिलाधिकारी के आदेशों की जमकर धज्जिया उड़ाई जा रही है । परिवार के सदस्यो के जाति प्रमाण पत्र पूर्व मे एक नही कई जारी है ।लेकिन वर्तमान लेखपाल को मूल जाति के इतर कथित जाति पर अधिक भरोस दिख रहा है ।जिसके चलते इसके पूर्व मे जारी जाति प्रमाण पत्र उनकी नजर मे सभी गलत है ।बाकी उनके द्वारा आवेदक का आवेदन फर्जी और मन गढंत लग रहा है। जबकि ग्रामीण राधिका कथित जाति तो कह रहे है लेकिन मूल जाति चमार होना हि बता रहे है। बताते चले ग्राम पंचायत महमूदपुर के निवासी प्रमोद कुमार पुत्र छोटे लाल अपनी पुत्री चांदनी के जाति प्रमाण पत्र के लिए विगत 4 माह से परेशान हैं। क्षेत्रीय लेखपाल अंकिता वर्मा चांदनी की जाति का अभी तक कोई पता नहीं कर पाई है। क्या चांदनी की कोई जाति नहीं है।
या फिर वह सामान्य वर्ग में आती है। रोचक विषय है उक्त जाति प्रमाण पत्र के लिए तहसीलदार से लेकर उपजिलाधिकारी बिसवॉ तक कानूनगो से कह चुके हैं। पर न तो लेखपाल और न ही कानूनगो पर अधिकारियों के आदेशों का असर हो रहा है। मजेदार बात यह है कि चांदनी के पिता, चाचा, चचेरे भाई व रिस्तेदारो की जाति चमार है। जिसके प्रमाण पत्र भी जारी किए जा चुके गए हैं। पीड़ित चांदनी का कहना है कि आखिर मैं किस जाति में आती हूं सिद्ध क्यूं नहीं किया जा रहा है। पीड़िता चांदनी ने यह भी बताया कि लेखपाल अंकिता वर्मा कहती हैं कि विधायक हमारे मामा हैं। हमें जो अच्छा लगेगा करूंगी तुम्हें जो करना हो कर लो।अब सवाल यह है कि क्या विधायक जी ने अंकिता वर्मा को बिसवॉ में मनमानी करने के लिए छोड़ा है। या फिर उनके नाम को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
पूर्व मे जारी जाति प्रमाण पत्र ।
तहसीलदार द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र 224224007053 गुड़िया पुत्री रामजीवन निजामाबाद,244174000518 प्रमोद कुमार पुत्र छोटे लाल निजामाबाद,244184002114 राजेन्द्र प्रसाद पुत्र घूरुलाल निजामाबाद,240441406200 अशोक कुमार पुत्र घूरुलाल निजामाबाद,244224000688 सत्यशील पुत्र विकास कुमार निजामाबाद जो कि पिता, चाचा व भाई है को तहसीलदार बिसवॉ ने चमार जाति के प्रमाण पत्र जारी किये है इन प्रमाण पत्रों पर लेखपाल अंकिता वर्मा कहती है उन्होने जारी किया है मै नही जारी करुंगी ।
क्या बोले तहसीलदार ।
तहसीलदार बिसवां उमाशंकर त्रिपाठी का कहना है प्रकरण हमारे पास आया था मैने नायब तहसीलदार से जांच कराई थी गांव मे लोग इनकी जाति राधिका बता रहे है।राधिका कोई जाति होती नही इसलिए नही हो पा रही जाति जारी जब उन्हे बताया गया कि पूर्व मे पिता सहित परिवार के चमार जाति के प्रमाण पत्र बने है तो उन्होंने इस सवाल पर कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए कहा जो जांच हुई है वही सही है।