नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वह आठवे वेतन आयोग के गठन पर फिलहाल कोई विचार नहीं कर रहा है। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले केंद्र सरकार के करीब 54 लाख कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन की सरकार की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, “आठवें वेतन आयोग के गठन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है।”
केंद्र सरकार की अगले साल होने वाले आम चुनाव 2024 से पहले लगभग 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 67.95 लाख पेंशन भोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग गठित करने की कोई योजना नहीं है। यह बयान वित्तसचिव टी.वी. सोमनाथन ने दिया है। वित्तसचिव ने गुरुवार को कहा, “आठवां वेतन आयोग गठित करने के संबंध में कोई योजना नहीं है। फिलहाल ऐसा कुछ लंबित नहीं है।”
अतीत में आम चुनाव से पहले केंद्र सरकारें अपने कर्मियों, सशस्त्रबल कर्मियों और पारिवारिक पेंशन भोगियों को लुभाने के लिए वेतन आयोगों के गठन या उनकी सिफ़ारिशों को लागू करने को असरदार औज़ार की तरह इस्तेमाल करती रही हैं। वर्ष 2013 के सितंबर माह में, कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा आम चुनाव 2014 से कुछ ही माह पहले, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 7वां वेतन आयोग गठित किया था।
वर्तमान पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फ़ीसदी योगदान दिया करते हैं, जबकि सरकार उसी खाते में कर्मचारी के मूल वेतन का 14 फ़ीसदी जमा किया करती है। यह योजना राजनीतिक रूप से विवादों को जन्म दे चुकी है, और विपक्ष-शासित कई राज्य सरकारें पुरानी पेंशन योजना की तरफ़ जा रही हैं, जिनके अंतर्गत पेंशन भोगी को उसके अंतिम मासिक वेतन के 50 फ़ीसदी की गारंटी मिलती है, और वह भी कर्मचारी की ओऱ से किसी भी योगदान के बिना।
माना जा रहा है कि सरकार कुछ बदलाव कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर सकती है कि प्रत्येक कर्मचारी को उनके अंतिम वेतन का कम से कम 40 से 45 फ़ीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर हासिल हो।
चुनाव नजदीक आने के साथ ही वित्त मंत्रालय पर 8वें वेतन आयोग की घोषणा करने और उसे अधिसूचित करने का राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है, भले ही पांच राज्यों के चुनावों के नतीजे कुछ भी हों। रविवार को घोषित होने वाले राज्य चुनाव परिणामों को व्यापक रूप से 2024 के आम चुनाव से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए मैदान में होंगे।