- वार्षिक वित्तीय बजट के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में वाराणसी मंडल में जारी विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपए के अनुदान का योगी सरकार ने किया प्रावधान
- प्रगति के नए सोपानों की ओर अग्रसर होगी महादेव की नगरी, विन्ध्य क्षेत्र के भी समेकित विकास का योगी सरकार ने खींचा खाका
- वाराणसी मंडल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुनरुद्धार, पर्यटक व नागरिक सुविधाओं के विकास संबंधी कार्यों पर फोकस
- वाराणसी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 400 करोड़ रुपए तथा निफ्ट की स्थापना के लिए भूमि क्रय हेतु 150 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को विकास के पथ की ओर अग्रसर कर रही योगी सरकार ने महादेव की नगरी के तौर पर प्रसिद्ध वाराणसी व शक्ति उपासना के प्रमुख तीर्थों में शुमार विन्ध्य क्षेत्र में भी समेकित विकास का खाका खींचा है। सोमवार को विधानसभा में पेश वार्षिक वित्तीय बजट के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में वाराणसी मंडल तथा विन्ध्य क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने तथा तमाम नागरिक सुविधआओं से लैस करने की जारी विभिन्न योजनाओं के लिए करोड़ों रुपए की धनराशि प्रावधानित की गई। इस क्रम में, वाराणसी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 400 करोड़ रूपए, रोपवे व अवस्थापना परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) की स्थापना के लिए भूमि क्रय के लिए 150 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है।
अविच्छिन्न प्राचीन संस्कृति का उदाहरण है काशी
बजट भाषण में काशी-अयोध्या का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि भारत की संस्कृति धार्मिक, बौद्धिक, वैज्ञानिक रूप से अत्यन्त समृद्ध रही है। दुनिया के लिये यह एक आश्चर्य का विषय रहा है कि इतनी प्राचीन संस्कृति संदियों तक बाहरी आक्रमणों के बावजूद किस प्रकार अभी भी अविच्छिन्न बनी हुई है। यह उनके लिये आश्चर्य का विषय हो सकता है परन्तु हमारे लिये यह जीवनशैली है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने हमारे सांस्कृतिक धरोहरों की अनदेखी की परन्तु पीएम मोदी व सीएम योगी नेतृत्व में हमारी सांस्कृतिक धारा अधिक प्रवाहमयी हो रही है। दूसरी ओर, काशी तथा अयोध्या धाम में बढ़ते तीर्थ पर्यटन पर फोकस करते हुए सीएम योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उत्तर प्रदेश में स्पीरिचुअल टूरिज्म की अपार संभावनाएं निहित हैं। न केवल काशी-अयोध्या बल्कि प्रदेश भर में धार्मिक तथा पर्यटक स्थलों के पुनर्रुद्धार तथा सौंदर्यीकरण का मार्ग प्रशस्त होने से उत्तर प्रदेश की आर्थिक आर्थिक उन्नति भी सुनिश्चित होगी।
इन प्रोजेक्ट्स पर वाराणसी मंडल तथा विन्ध्य क्षेत्र में रहेगा मुख्य फोकस
● वाराणसी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 400 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
● वाराणसी में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलाजी (निफ्ट) की स्थापना के लिये भूमि क्रय के लिए 150 करोड़ रुपए का बजट।
● मीरजापुर में विन्ध्याचल स्थित त्रिकोणीय क्षेत्र में माँ विन्ध्यवासिनी मंदिर, माँ अष्टभुजा मंदिर, माँ कालीखोह मंदिर को जोड़ने वाले त्रिकोण संरेखण में आने वाले परिक्रमा मार्गों एवं जन सुविधाओं के उन्नयन के लिए कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
● अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए 100 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था। लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
● आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय की स्थापना के लिए 11.79 करोड़ रुपए प्रावधानित।
● ‘‘मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना‘‘ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने की योजना है। वाराणसी मंडल तथा विन्ध्य क्षेत्र के जनपदों में भी पर्यटन स्थलों के विकास का मार्ग होगा प्रशस्त।
● धर्मार्थ मार्गों के विकास के लिए 1750 करोड़ रुपये की व्यवस्था, जिसमें वाराणसी मंडल के तीर्थ क्षेत्रों के प्रमुख मार्गों के कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त होगा।
● माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद मण्डल मे एक राज्य विश्वविद्यालय तथा देवी पाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के अंतर्गत प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिये 51.20 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
● जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का लक्ष्य।
● अयोध्या एवं वाराणसी शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
वाराणसी की इन उपलब्धियों का रहा बजट में उल्लेख
● श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा नदी तक के मार्ग के विस्तारीकरण/ सौन्दर्यीकरण के पश्चात श्रद्धालुओं की संख्या में 4 से 5 गुना वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश में बढ़े पर्यटन में काशी व अयोध्या की प्रमुख भूमिका है।
● वाराणसी में बढ़े धार्मिक पर्यटन ने न केवल देश बल्कि दुनिया में भी ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर पहचान सशक्त की है। ऐसे में, वाराणसी मंडल के अन्य तीर्थ क्षेत्रों के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण प्रक्रिया के साथ ही विन्ध्य क्षेत्र के तीर्थों व प्राकृतिक संपदा संपन्न पर्यटक क्षेत्रों के विकास से टूरिज्म को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।