आयकर विभाग की छापेमारी खत्म होने पर आजम खान की पहली प्रतिक्रिया

 लखनऊ: आजम खान ने कहा मेरा दामन आज भी बेदाग है. आयकर वालों को मेरे यहाँ कुछ नहीं मिला, इसलिए वह हमें पंचनामा भर कर दे गए. उन सब का शुक्रिया. इसके साथ ही आजम खान ने समर्थको से कहा अपनी दुआएं जारी रखें क्योंकि जुल्म अभी जारी है. जब तक सहनशक्ति है आने वाली नस्लों के लिए कोशिश करता रहूंगा, यूनिवर्सिटी कमजोर वर्ग के लिए बनाई है.

आयकर विभाग की टीम ने सपा नेता आजम खान के घर पर 60 घंटे तक छापा मारकर कार्रवाई की और आजम खान के मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट और जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े फाइनेंशियल मामलों की जांच करने के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने तो मीडिया को कोई जानकारी ऐसी नहीं दी जिससे पता चल सके कि इस छापे में आजम खान के यहां से क्या कुछ बरामद हुआ है. हालांक आयकर विभाग के अधिकारियों के चले जाने के बाद आजम खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बुधवार के दिन सुबह फौजी की वर्दी में कुछ लोग दीवार कूद कर हमारे घर के अंदर आए और उन्होंने बताया कि हम आयकर विभाग से हैं और जो उनका तरीका होता है वह उन्होंने अपनाया. तीन दिन तक हमारे यहां वह लोग रहे और जो सवाल उन्हें करने थे उन्होंने हमसे किए और हमारे घर में मेरे बेटे अब्दुल्ला आजम और बड़े बेटे के कमरों की और हमारे कमरों की तलाशी ली.

अभी जुल्म जारी है- आजम खान

आजम खान ने कहा सभी अलमारियां सभी अटैचियां और जो कुछ भी वह तलाशना चाहते थे देखना चाहते थे वह उन्होंने किया. जो भी पेपर उन्हें दिखते थे वह उन्होंने देखे, उसमें काफी समय लगा अब हमारे लिए तकलीफ की बात यह है कि अब से 2 महीने पहले जो बारिश हुई थी उसमें हमारा सारा घर डूब गया था, हमारा बेड भी डूब गया था और बहुत सारा सामान डूब गया था. अब दोबारा फिर बारिश हुई तो फिर हमारे घर में 3 फीट के करीब पानी आ गया था. अभी सबको समेटने में कितना समय लगेगा लेकिन सब की दुआएं काम आई और मैं जानता हूं कि देश भर में लोग मुझसे हमदर्दी रखते हैं और हमारे लिए दुआएं करते हैं. इसलिए मैं उन से कहना चाहूंगा कि वह दुआएं अपनी जारी रखें क्योंकि अभी जुल्म जारी है.

मेरा दामन आज भी बेदाग

आजम खान ने कहा कि अचानक मेरे घर पर छापा मारने के बावजूद आयकर वालों को यहां कुछ नहीं मिला और ऐसा कुछ था ही नहीं जिसे वह जब्त करते. इसलिए वह पंचनामा भरकर हमें दे गए उनका शुक्रिया उन्होंने तो अपनी ड्यूटी को अंजाम दिया है. आजम खान ने कहा कि मेरी जिंदगी का जो सच है वही उनको यहां मिला. मेरा दामन आज भी बेदाग है, मेरे घर में आयकर वालों को सिर्फ 125 ग्राम ज्वेलरी पत्नी के पास और 10 हजार रुपये बेटे अब्दुल्ला आजम के पास थे और मेरे पास लगभग 3500 रुपये थे. इसलिए आयकर वालो ने कुछ भी जब्त नहीं किया. क्योंकि यह सब उनकी परिधि में आता ही नही है. इसलिए वह हमें पंचनामा भर कर दिए गए और उन सब का धन्यवाद क्योंकि उन्होंने जो कुछ भी किया अपने ऊपर के आदेश पर किया.

कमजोर वर्ग के लिए बनाया गया विश्वविद्यालय

वहीं सपा नेता ने कहा कि विश्वविद्यालय कमजोर वर्ग के लिए बनाया गया है और यह शैक्षिक संस्थान है और इसे शिक्षा का मंदिर भी कहते हैं. व्यक्ति के जीवन की एक हद होती है लेकिन इतिहास एक अनंत काल होता है जैसा मेरे साथ हो रहा है ऐसा ही कुछ मदन मोहन मालवीय जी के साथ हुआ था और ऐसा ही कुछ सर सैयद अहमद खान ने अपमान सहा था.

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