अनियमितता के आरोप में तत्कालीन एक्सईएन पर एफआईआर

बलिया। जल निगम के अधिशासी अभियंता निर्माण पीयूष मौर्या की तहरीर कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन अधिशासी अभियंता अंकुर श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
नगरपालिका क्षेत्र में सीवरेज योजना सिटी जोन एवं सिविल लाइन जोन में अमृत कार्यक्रम के अंतर्गत एसटीपी संबंधित निर्माण कार्यों में अनियमितिता और लापरवाही मिली है। शासन के निर्देश पर हुई जांच में अकुंर श्रीवास्तव को पद पर रहते हुए योजनाओं में अनियमितिता और निर्माण कार्यों को समय से न पूर्ण कराकर जन उपयोगी नहीं बनाए जाने से शासकीय क्षति एवं विभाग की छवि धूमिल होने का दोषी पाया गया था। विभाग ने जांच के बाद सितंबर में अकुंर श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया था। प्रबंध निदेशक ;जल निगम नगरीय ने अमृत कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृत शहर में सीवर लाइन हाउस कनेक्शन कार्य से संबंधित परियोजना के तहत पूर्व में कराए गए कार्यों की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया था। जांच समिति ने 16 अगस्त 2023 को रिपोर्ट सौंप दी थी। योजना के अंतर्गत प्रथम किस्त के रूप में 6.58 करोड़ की धनराशि जारी की गई थी। जबकि 16.12 करोड़ का भुगतान फर्मों को किया गया था। 10.42 करोड़ का भुगतान बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश पर अन्य योजनाओं से फंड डायवर्जन कर किया गया था।

जांच टीम को कोई स्वीकृति अभिलेख नहीं मिले। कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण के लिए टेस्ट रिपोर्ट आदि उपलब्ध नहीं कराई गई। जांच समिति ने योजना के कार्यों का भौतिक सत्यापन किया तो कुल 4281 हाउस कनेक्शन के मुकाबले 2334 हाउस कनेक्शन चैंबर मिले। इसके अतिरिक्त 988 हाउस कनेक्टिंग चैंबर की लोकेशन चिह्नित की गई। जांच में 959 हाउस कनेक्शन की लोकेशन नहीं मिली। एसटीपी के विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 13 करोड़ की धनराशि का अनियमित रूप से भुगतान पाया गया था। शासन के निर्देश पर हुई जांच में अंकुर श्रीवास्तव को अनियमिता और निर्माण कार्यों को समय न पूर्ण कराने का दोषी पाया गया था। इसी आरोप में उन्हें कुछ माह पहले निलंबित किया गया। अब उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है। इस बाबत कोतवाल संजय सिंह ने बताया कि शिकायत पर आरोपी पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है।

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