गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व डॉक्टर कफील खान एक बार फिर मुश्किलों में घिर सकते हैं. लखनऊ के कृष्णानगर थाने में उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है. इसमें कफील खान पर आरोप लगाया गया कि वो और उनके साथी सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं और दंगा फैला सकते हैं. यह भी आरोप लगाया गया कि कफील खान ने अपनी किताब में सरकार विरोधी व भड़काऊ बातें लिखी हैं. फिलहाल, पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर कफील खान पर धारा 153-बी, 143, 465, 467, 471, 504, 505, 298, 295, 295-ए के तहत FIR दर्ज हुई है. कफील खान पर योगी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए दंगे भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है. शिकायतकर्ता मनीष शुक्ला ने अपनी शिकायत में दावा किया है- गोरखपुर त्रासदी पर ‘गुप्त पुस्तक’ इसी उद्देश्य के लिए गुपचुप तरीके से फैलाई जा रही है.
शिकायतकर्ता मनीषा का आरोप है कि ‘चार-पांच लोग डॉक्टर कफील खान और उनकी लिखी किताब का नाम लेकर दंगा कराने’ की बात कर रहे थे. मनीष की शिकायत के आधार पर कफील खान और चार-पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ कृष्णानगर थाने में 1 दिसंबर को FIR दर्ज की गई.
जानिए कफील खान के बारे में
बता दें कि अगस्त, 2017 में गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में दर्जनों बच्चों की मौत होने की खबर आई थी. कफील खान उस वक्त मेडिकल कॉलेज में बतौर बाल रोग विशेषज्ञ तैनात थे. उन पर लापरवाही का आरोप लगा था. जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. बाद में कफील जमानत पर रिहा हुए. लेकिन 2019 को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.
इसके बाद दिसंबर, 2019 में उन्हें CAA के खिलाफ AMU में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में NSA के तहत फिर गिरफ्तार किया गया. इस मामले में कफील खान को कुछ महीने तक जेल में रहना पड़ा था. हालांकि, बाद में कोर्ट ने कफील के खिलाफ आपराधिक धाराओं में कार्रवाई को रद्द कर दिया था