कम वजन का डिनर सेट :सामूहिक विवाह योजना में भी घोटाला करने से नहीं चूके प्रशानिक अधिकारी…

बहजोई: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत घपले के संकेत मिले हैं, जिसमें लाभार्थियों को डिनर सेट मानक के अनुसार नहीं दिए जाने की रिपोर्ट जिला स्तरीय परीक्षण समिति ने मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी है। जिसके बाद आपूर्तिकर्ता को नोटिस भी जारी किया गया है।

दरअसल, समाज कल्याण विभाग के द्वारा पिछले महीने अलग-अलग स्थान पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। जिसके अंतर्गत चंदौसी, संभल और गुन्नौर के अलावा बहजोई में भी सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करते हुए लाभार्थियों को योजना का लाभ दिलाया गया था।

जिसके अंतर्गत 35 हजार रूपये का चेक प्रदान किया जाता है और 10 हजार रूपये की सामग्री जिसमें डिनर सेट और अन्य घरेलू सामग्री होती है, जबकि छह हजार रूपये की धनराशि विवाह कार्यक्रम संपन्न करने के लिए प्रत्येक जोड़े पर खर्च की जाती है।

वजन निकला कम
परियोजना निदेशक डीआरडीए के निर्देशन में काम करने वाली जिला स्तरीय परीक्षण समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी है और उसमें आरोप लगाया है कि समाज कल्याण विभाग के द्वारा कर संपन्न कराए गए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में लाभार्थियों को डिनर सेट कम वजन का दिया गया। इसमें दावा किया गया है कि डिनर सेट आठ किग्रा के वजन का होना चाहिए था लेकिन जांच में पाया गया कि उसका वजन साढ़े चार किग्रा निकला है।

जिसके इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी ने इस मामले में समाज कल्याण विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और संबंधित फर्म से कटौती करते हुए भुगतान करने को कहा है। हालांकि अभी यह मामला सिर्फ कागजों में ही घूम रहा है।

सीडीओ के अनुसार सामूहिक विवाह कार्यक्रम के अंतर्गत यह गड़बड़ी करीब 400 लाभार्थियों को प्रदान किए गए डिनर सेट में समाने आई है। जिन्हें तत्कालीन प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी चंद्रभूषण ने संपन्न कराया था हालांकि अब वह पूरे मामले से दूरी बना रहे हैं। क्योंकि जिले में जिला समाज कल्याण अधिकारी तिनेज कुमार ने कार्यभार संभाला है, जिन्होंने इस मामले में जांच कर कार्रवाई का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत करीब 400 लाभार्थियों को जो डिनर सेट प्रदान किया गया है, उसका वजन मानक के अनुरूप नहीं पाया गया है। इसकी रिपोर्ट परीक्षण समिति की ओर से प्राप्त हुई है। इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि कटौती करते हुए भुगतान किया जाए।

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