डीसी मनरेगा की कार्यवाही से मनरेगा के जुगाड़ में फिरा पानी

हमीरपुर : उच्चाधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर कार्य योजना में शामिल कार्यों का बगैर स्टीमेट तैयार कराये मशीनों से कार्य कराने के बाद स्टीमेट बनाकर बाद में भुगतान कराने की योजना में शनिवार को डीसी मनरेगा की जांच ने पानी फेर दिया है। बगैर स्टीमेट के कराए जा रहे तालाब खुदाई के कार्य को श्रमदान घोषित कर देने से ब्लॉक कर्मियों में हड़कंप मच गया है।
ब्लॉक में तैनात कुछ तकनीकी सहायकों ने मनरेगा कार्य कराने के लिए कुछ अलग ढंग के तरीके ईजाद किए हैं। इस अलग ढंग के तरीके से कार्य योजना में शामिल किसी भी कार्य को बगैर स्टीमेट के धीरे से शुरू करा दिया जाता है। अगर विवाद की स्थिति बनी तो सरकारी मशीनरी पल्ला झाड़कर अलग खड़ी हो जाती है और अगर विवाद अथवा शिकायत नहीं हुई तो बाद में स्टीमेट बनाकर भुगतान करा लिया जाता है। कुछ ऐसा ही जुगत मवई जार के पाथामाई तालाब में लगाई गई और कार्य शुरू करा दिया गया। तालाब की कुछ मिट्टी ग्राम प्रधान कामता प्रसाद वर्मा के निजी विद्यालय में डाली गई है। शेष तालाब की पार में डाल दी गई है। मामला मीडिया में आने पर डीसी मनरेगा मनोज कुमार राय गांव पहुंचे और जांच के बाद कार्य को श्रमदान घोषित कर दिया है। इससे ब्लॉक की सरकारी मशीनरी में हड़कंप मच गया है। अब सभी सफाई देते घूम रहे हैं।

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