फैटी लिवर के खतरे से बचाएंगे ये आयुर्वेदिक उपाय

नई दिल्ली। फैटी लिवर एक साइलेंट डिजीज़ है। फैटी लिवर वाले ज्यादातर लोगों में लंबे समय तक इसके कोई लक्षण ही नजर नहीं आते, लेकिन कुछ को लिवर बढ़ने की वजह से पेट के दाएं ओर दर्द का एहसास होता है। थकान, मतली और भूख न लगना इसके अन्य लक्षणों में शामिल है। अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल को फैटी लिवर की सबसे बड़ी वजह माना जाता है। 

फैटी लिवर की प्रॉब्लम लिवर में अतिरिक्त फैट जमा होने की वजह से होती है। समय रहते इसका इलाज न किया गया तो इससे लिवर डैमेज होने का भी खतरा हो सकता है। इसे ठीक करने के लिए डाइट पर ध्यान दें साथ ही यहां दिए गए आयुर्वेदिक उपाय भी है काफी मददगार।

आंवला

विटामिन सी से भरपूर आंवला शरीर में जमी गंदगी को बाहर निकालने में बेहद असरदार है। शरीर में गंदगी इकट्टा होते रहने से शरीर बीमार होते जाता है। इसलिए समय-समय पर उसे डिटॉक्सीफाई  करते रहना जरूरी है। आंवले के जूस के सेवन से फैटी लिवर की समस्या में काफी आराम मिलता है और साथ ही इसके होने का खतरा भी कम होता है। 

करी पत्ता

करी पत्ते से सिर्फ खानपान का स्वाद ही नहीं बढ़ाया जा सकता, बल्कि इससे सेहत संबंधी कई समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें विटामिन ए और सी मौजूद होता है। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट्स भी। करी पत्ते को खाने से भी फैटी लिवर की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

करी पत्ता

करी पत्ते से सिर्फ खानपान का स्वाद ही नहीं बढ़ाया जा सकता, बल्कि इससे सेहत संबंधी कई समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इसमें विटामिन ए और सी मौजूद होता है। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट्स भी। करी पत्ते को खाने से भी फैटी लिवर की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

त्रिफला

त्रिफला आयुर्वेद में एक जरूरी औषधि है, जिसका इस्तेमाल कई तरह के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। त्रिफला में एंटी-इन्फ्लामेट्री और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो लिवर की सूजन दूर करने के साथ ही उसमें जमे जिद्दी फैट को भी दूर करते हैं। जिससे कई समस्याओं का खतरा टाला जा सकता है। त्रिफला के इस्तेमाल से बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने में भी मदद मिलती है।  

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