हमीरपुर : मौदहा कोतवाली के अरतरा गांव में नौ साल पूर्व रंजिशन परिवार के पिता-पुत्रों ने लाठी-कुल्हाड़ी से खलिहान में सो रहे दो सगे भाइयों व भतीजे पर हमला किया था। जिसमें एक की मौत हो गई थी। मंगलवार को विशेष न्यायाधीश कोर्ट-1 सीबी सिंह ने दोष साबित होने पर पिता-पुत्रों को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई। चौथे आरोपी का मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता विशंभर पाल, रामबाबू अवस्थी ने बताया कि अरतरा गांव निवासी मइयादीन ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि 28 जून को खाना खाने के बाद रात 8 बजे खलिहान में निर्माणाधीन मकान के पास दो पुत्रों व नाती के साथ सोया था।
रात 10 बजे पुरानी रंजिश को लेकर मेरे सौतेले भाई भुइयादीन ने अपने पुत्रों फूल सिंह, अमर सिंह व बलवंत सिंह के साथ हाथों में कुल्हाड़ी व लाठी लेकर आये और मेरे पुत्र राम सिंह पाल व मलखान सिंह पाल तथा नाती सुरेंद्र सिंह पर लाठी-डंडे व कुल्हाड़ी से मारने पीटने लगे। उन लोगों के जाने के बाद वह एम्बुलेंस से तीनों को सरकारी अस्पताल मौदहा लाया। जहां इलाज के दौरान छोटे पुत्र मलखान सिंह की मौत हो गई। जबकि बड़े पुत्र राम सिंह व नाती सुरेंद्र सिंह का इलाज चल रहा है। पुलिस ने पिता-पुत्रों सहित चार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया।
मंगलवार को विशेष न्यायाधीश कोर्ट-1 सीबी सिंह ने मलखान सिंह की हत्या का दोषी मानते हुए भुइयादीन, फूल सिंह व अमर सिंह को आजीवन कारावास व 10-10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि बलवंत सिंह के नाबालिग होने पर इसका मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।