सूर्य की किरणों से बनी बिजली का उपभोग करेंगे किसान

मुजफ्फरनगर। अब किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए बिजली की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी। क्योंकि नलकूपों का संचालन करने के लिए ऊर्जा निगम पर निर्भरता कम हो जाएगी। सूर्य की किरणों से बनी बिजली का उपभोग किसानों द्वारा किया जाएगा।

यह सपना साकार होगा पीएम कुसुम योजना घट सी-2 के तहत। इस योजना में जिले का पहला सोलर प्लांट बुढ़ाना क्षेत्र में लगाया जाएगा। उसके लिए पांच एकड़ भूमि भी चिह्नित कर ली गई है।

यूपी नेडा की ओर से लगभग 1.3 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट इसी फीडर के क्षेत्र में लगना स्वीकृत हुआ है। उसके लिए शासन स्तर से सोलर पावर प्लांट की खातिर उपयुक्त स्थान पर भूमि चिह्नित कराने का भी निर्देश दिया गया था।

सरकारी जमीन पर बनेगा प्लांट
तत्पश्चात जिलाधिकारी ने एसडीएम बुढ़ाना को जमीन की तलाश कराने के लिए कहा। चूंकि सरकारी भूमि पर ही सोलर पावर प्लांट स्थापित होना है, जिसके लिए काफी दिन तक भूमि की तलाश चलती रही। अंतत: गांव शिकारपुर में पांच एकड़ सरकारी भूमि का चिह्नांकन कर लिया गया है।

हालांकि अभी भूमि का हस्तांतरण होना बाकी है। उसके पश्चात सोलर पावर प्लांट का निर्माण कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया होगी। एक अनुमान के मुताबिक सोलर पावर प्लांट की स्थापना पर ढ़ाई से तीन करोड़ रुपये प्रति मेगावाट खर्च आएगा।

निजी नलकूपों पर सोलर प्लांट में अनुदान
केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम सी-1 योजना के तहत जिले में निजी नलकूपों पर भी सोलर पावर प्लांट स्थापित कराए जा रहे हैं। योजना में कृषकों को केंद्रीय अनुदान 30 प्रतिशत के अलावा राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति, वनटांगिया एवं मुसहर जाति के कृषकों के लिए 70 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों के लिए 60 प्रतिशत राज्य अनुदान का प्रावधान है।

इस तरह अनुसूचित जनजाति के कृषकों को निश्शुल्क तथा सामान्य एवं पिछड़ी जाति को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जिले में 46 किसानों द्वारा योजना में सोलर पावर प्लांट लगाने को आवेदन किया गया था। इनमें से सात लाभार्थियों का चयन हुआ और लाभार्थी अंशदान जमा करा दिया गया है।

1.3 मेगावाट का होगा सोलर पावर प्लांट
05 एकड़ सरकारी भूमि पर होगी स्थापना
2.5 करोड़ रुपये लगभग प्रति मेगावाट आएगी लागत
बुढ़ाना क्षेत्र में सोलर पावर प्लांट स्थापित होना है। उसके लिए गांव शिकारपुर में लगभग पांच एकड़ सरकारी भूमि प्रशासन द्वारा चिह्नित कर दी गई है। भूमि का हस्तांतरण होना बाकी है। उसके बाद टेंडर होगा। – भजन सिंह, परियोजना अधिकारी, यूपी नेडा, मुजफ्फरनगर

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