लखनऊ। यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। 25 नवंबर के बाद किसी भी समय प्रस्तावित केन्द्रों की सूची जारी हो जायेगी। लेकिन इसी बीच बोर्ड परीक्षार्थियों से जुड़ी फर्जी खबर ने लखनऊ से लेकर प्रयागराज माध्यमिक शिक्षा निदेशालय तक हलचल पैदा कर दी। दरअसल पिछले 24 घंटे से लगातार यूपी बोर्ड परीक्षा में एक नये बदलाव का दावा किया जा रहा था। ये दावा था कि 2024 की परीक्षा के दौरान सभी परीक्षार्थियों की उपस्थिति केन्द्रों पर फेस स्कैनिंग के माध्यम से दर्ज की जायेगी। जबकि इस संबंध में कोई भी आदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से नहीं जारी किया गया था। यहां तक शासन से भी ऐसा निर्णय सामने नहीं आया। लेकिन कुछ प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने इस खबर को 20 नवंबर की दोपहर के बाद से कई बार प्रसारित किया जिसके बाद यूपी बोर्ड प्रशासन हरकत में आ गया है। अंत में बोर्ड की ओर से खबर का सार्वजनिक खंडन जारी करते हुए इस तरह के निर्णय से इनकार कर दिया गया।
बोर्ड की ओर से दी गई ये जानकारी
माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से मंगलवार को एक पत्र जारी कर बताया गया कि परीक्षाओं से सम्बन्धित इस आशय की भ्रामक सूचनायें प्रकाश में आ रही हैं कि माध्यमिक शिक्षा परिषद् की परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों की फेस रीडिंग की व्यवस्था की जा रही है। इस सम्बन्ध में सूच्य है कि परिषद् द्वारा परिषदीय परीक्षाओं में सम्प्रति अभी फेस रीडिंग कराये जाने की कोई व्यवस्था न तो लागू की जा रही है और न तो इस पर अभी कोई विचार किया जा रहा है। इस प्रकार की भ्रामक खबरों का कोई संज्ञान न लिया जाय।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा भ्रामक सूचना पर न दें ध्यान
वहीं माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने भी एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि परीक्षार्थियों को किसी भी भ्रामक सूचना से बचना होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की यदि कोई फर्जी जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने भी परीक्षार्थियों से अपील करते हुए कहा कि सभी परीक्षार्थी बोर्ड की वेबसाइट चेक करते रहें उसी पर सभी नोटिफिकेशन जारी किए जायेंग।
क्या कहा सचिव परिषद ने
प्रयागराज मुख्यालय से सचिव परिषद दिब्यकांत शुक्ला ने अमृत विचार से बातचीत में कहा कि उनकी ओर से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल युग में ये दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि भ्रामक खबरें तेजी से फैल जाती हैं। उन्होंने कहा कि इस बार आवेदन करने वाले सभी 55 लाख परीक्षार्थियों को भरोसा दिलाता हूं कि इस तरह की बोर्ड की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है।