कंपाला। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को एक बहुध्रुवीय दुनिया का आह्वान किया जिसके केंद्र में सुधार के साथ संयुक्त राष्ट्र हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया नए प्रकार की असमानता और वर्चस्व से जूझ रही है। युगांडा की राजधानी कंपाला में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने वसुधैव कुटुंबकम-दुनिया एक परिवार है के विश्वास से प्रेरित भारत के दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।
उन्होंने कहा कि 2019 में बाकू में नाम की बैठक के बाद से दुनिया व्यापक रूप से बदल गई है। विदेश मंत्री ने कहा, कोरोना महामारी ने हम सभी को तबाह कर दिया है, जिसके घाव भरने में पीढि़यां लग जाएंगी। ऐसे संघर्ष चल रहे हैं, जिनका असर दूर-दूर तक महसूस किया जा रहा है। गाजा विशेष रूप से हमारी चिंता के केंद्र में है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन तेजी से और नियमित रूप से विघटनकारी हो रहा है।
उन्होंने कहा, कर्ज, मुद्रास्फीति और विकास की चुनौतियां भी प्रगति पर व्यापक असर डालती हैं। इन गंभीर ¨चताओं को रेखांकित करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह उस दुनिया की प्रकृति है, जिसका हम सामना करते हैं।उन्होंने कहा, हो सकता है कि हमने उपनिवेशवाद को उखाड़ फेंका हो, लेकिन हम असमानता और वर्चस्व के नए रूपों से संघर्ष कर रहे हैं। वैश्वीकरण के युग में ऐसी अर्थव्यवस्थाएं भी हैं, जो शेष विश्व को केवल बाजार या संसाधन के रूप में देखती हैं।
जयशंकर ने बोलीविया, अजरबैजान और वेनेजुएला के विदेश मंत्रियों संग की बैठक
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को बोलीविया, अजरबैजान और वेनेजुएला के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इस दौरान द्विपक्षीय सहित स्थानीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। जयशंकर ने एक्स पर किए पोस्ट में कहा कि बोलीविया की विदेश मंत्री से¨लडा सोसा से मिलकर खुशी हुई। विकास सहयोग, पारंपरिक चिकित्सा और जीवन शैली पर चर्चा हुई।
अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि अजरबैजान के विदेश मंत्री जेहुन बायरामोव से द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। वह वेनेजुएला के विदेश मंत्री यवन गिल से भी मिले। उनसे दोनों देशों के बीच आर्थिक, ऊर्जा और विकास सहयोग पर चर्चा की गई। शिखर सम्मेलन से इतर वह नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल से भी मिले।