अमेठी 25 फरवरी 24| रविवार को नगर स्थित डाक बंगला में अवधी साहित्य संस्थान अमेठी की ओर से कवि गोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण से हुआ। अतिथियों का स्वागत करते हुए अवधी साहित्य संस्थान अमेठी के अध्यक्ष डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि हिन्दी साहित्य के सम्वर्द्धन में कवियों की भूमिका अहम है। महाकवि गोस्वामी जी का श्रीरामचरितमानस दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है।कवि गोष्ठी की शुरुआत कवियत्री राजकुमारी संसृति की वाणी वन्दना से हुआ। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए राम वदन पथिक ने पढ़ा वतन को लूटने वाले नहीं दीपक जलाते हैं।कवि सुधीर कुमार रंजन ने पढ़ा जाति धरम सबसे बड़ा,मेरा भारत देश। तेजभान सिंह ने पढ़ा विछे हुए कांटों को देख मैंने खुद में जान लिया।शव्वीर अहमद सूरी ने पढ़ा हुस्न वाले बड़े बेवफा हो गये। अवधी मधुरस ज्ञानेंद्र पाण्डेय ने पढ़ा झरि झरि नयना झरता हौ भीतरु भमकयइ आगि।चन्द्र प्रकाश पाण्डेय मंजुल ने पढ़ा ई कौनव महात्मा के रोसनी आटे। जगदम्बा तिवारी मधुर ने पढ़ा सुना सखी संइयां नीम को छंयियां।सुरेश शुक्ल नवीन ने पढ़ा कभी जब मौत हारेगी तो सांसें जीत जायेगी।अजय अनहद ने पढ़ा मुठ्ठियां भरके वे नमक लाये घाव जिसको दिखाने वाले थे।दिवस प्रताप ने पढ़ा हर कोई दौलत का दम दिखा रहा है। राजेन्द्र शुक्ल अमरेश,सुधा अग्रहरि,हरिशंकर मिश्र, उदयराज वर्मा आदि कवियों ने अपनी कविताओं से सबका मन मोह लिया।इस गोष्ठी में कैलाश शर्मा , अनुभव मिश्र,एस एन पाल आदि की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही।