पिछड़ों को शिक्षित व प्रभावी बनायेंगे एवं दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर करेंगे सशक्त:नरेन्द्र कश्यप

  • चित्रकूट में उत्तर प्रदेश जगतगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय की हो रही स्थापना
  • डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में छात्राओं के लिए 48 करोड़ रूपये की लागत से बनेगा

अजय सिंह चौहान

निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ: प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने गुरूवार को सचिवालय स्थित सभागार में प्रेसवार्ता कर विभागीय उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की सफलताओं से प्रभावित होकर विश्व-विख्यात जगतगुरू रामभद्राचार्य के द्वारा स्थापित जगतगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट को उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन देने का निर्णय लिया, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने विधान मण्डल द्वारा विधेयक पेश करके राज्य विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता प्रदान कर दी है। अब उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजनों के उच्च शिक्षा के लिये डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय सहित दो विश्वविद्यालय हो गये हैं, जिनके माध्यम से दिव्यांगजनों को शिक्षित बनाकर सशक्त किया जायेगा।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ने कहा कि शादी प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत दिव्यांग दम्पत्ति को शादी प्रोत्साहन योजना के तहत 35 हजार रूपये की धनराशि प्रदान की जाती थी, परन्तु दिव्यांग दम्पत्ति को शादी पंजीकरण करना आवश्यक था। जिससे दिव्यांगजनों पर अतिरिक्त व्यय भार पड़ रहा था, तथा कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता था। इसलिये दिव्यांग दम्पत्ति को शादी प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त करने के लिये रजिस्ट्रेशन की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के द्वारा राज्य दिव्यांग आयुक्त के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं का निस्तारण लखनऊ स्थित कार्यालय से किया जा रहा है, परन्तु वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मोबाइल कोर्ट के माध्यम से विभिन्न जनपदों में राज्य दिव्यांग आयुक्त द्वारा दिव्यांगजनों की समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।

गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी आदि जनपदों में मोबाइल कोर्ट के माध्यम से दिव्यांगजनों की समस्याओं को सुना जा रहा है। मोबाइल कोर्ट व्यवस्था दिव्यांगजनों के लिये बहुत ही उपयोगी साबित हो रही है।उन्होंने कहा कि डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ में छात्राओं की बढ़ती हुई संख्या को दृष्टिगत रखते हुए 48 करोड़ रूपये की लागत से नवीन महिला छात्रावास का निर्माण किया जा रहा है। महिला छात्रावास बन जाने से प्रदेश भर की दिव्यांग छात्रों को और अधिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के विभिन्न पाठ्यक्रमों बीटेक, बीबीए, एमसीए आदि में अध्ययनरत कुल 112 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट सेल के माध्यम से विभिन्न कॉरपोरेट कम्पनियों में प्लेसमेंट कराकर एक बड़ी शुरूआत की गई है।

भविष्य में भी इस तरह के प्रयास करके छात्र-छात्राओं को नौकरियों से जोड़ा जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित समस्त 16 विशेष विद्यालयों को अपनी उच्च स्तरीय शिक्षण एवं प्रशिक्षण व्यवस्था सहित कैम्पस की उच्च स्तर प्रबन्ध प्रणाली के लिये वित्तीय वर्ष 2022-23 आईएसओ 90012015 प्रमाणीकरण प्रदान किया गया है। इन विद्यालयों में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिये स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था की गई है।पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति हेतु बजट में अतिरिक्त इस वर्ष 435 करोड़ की व्यवस्था की गई है व अन्य कार्यो के लिये 167 करोड़ की बजट में वृद्धि की गई है।

शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत अन्य पिछड़े वर्ग के गरीब छात्र व छात्राओं के लिये आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऐसे छात्रावासों के अनुरक्षण के विशेष प्रयास कर 1.25 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था पहली बार करायी गई है।उन्होंने कहा कि छात्रों को छात्रवृत्ति मार्च में मिलने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था इसके दृष्टिगत अब छात्रवृत्ति की उपलब्धता दिसम्बर माह में ही कर दी जायेगी।शादी अनुदान योजना के अन्तर्गत अन्य पिछड़े वर्ग के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं को 20 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 150 करोड़ रूपये का प्राविधान है जिससे इस वर्ष 75 हजार लाभार्थी लाभान्वित होंगे।

Related Articles

Back to top button