शरीर में पानी की कमी, खानपान में भरपूर मात्रा ना होना, जीवनशैली की बुरी आदतें, नींद की कमी और तनाव भी कब्ज का कारण बन सकता है। कब्ज होने पर व्यक्ति को मलत्याग करने में दिक्कत होने लगती है। कब्ज में मल कड़ा हो जाता है जिससे टॉयलेट में घंटों बैठे रहने पर भी ठीक तरह से पेट साफ नहीं हो पाता। कब्ज से राहत पाने के लिए खानपान में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। यहां ऐसे ही फल के बारे में बताया जा रहा है जो कब्ज से राहत दिलाने में तेजी से असर दिखाता है। यह फल है पपीता। जानिए किस तरह पपीते का सेवन कब्ज से छुटकारा दिला सकता है।
कब्ज के लिए पपीता
पपीता एंटी-ऑक्सीडेंट्स, पौटेशियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम के साथ-साथ विटामिन बी, सी और ई का अच्छा स्त्रोत है। पपीता खाने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी मजबूत होती है, पाचन अच्छा रहता है और कब्ज की दिक्कत से खासतौर पर छुटकारा मिल जाता है। पपीते में पाए जाने वाले एंजाइम्स अपच और पेट फूलने की दिक्कत से छुटाकारा दिलाने में भी मदद करते हैं। सुबह खाली पेट पपीता खाया जा सकता है। कुछ दिन सुबह के समय खाली पेट पपीता खाने पर कब्ज की दिक्कत दूर हो सकती है और मलत्याग करने में भी आसानी होगी।
ये नुस्खे आएंगे काम
पपीता के सेवन के अलावा और भी कई नुस्खे हैं जो कब्ज से राहत दिलाते हैं।
2 चम्मच आंवले के रस को एक गिलास पानी के साथ सुबह खाली पेट पीने पर भी कब्ज से राहत मिल सकती है।
घी और दूध को साथ मिलाकर पीना भी कब्ज से छुटकारा दिलाता है।
रात में एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच घी डालकर पिएं। सुबह मलत्याग करना आसान हो जाता है।
अलसी के बीज सोल्यूबल फाइबर के अच्छे स्त्रोत हैं जिससे स्टूल मुलायम होता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकली और पालक कब्ज से राहत दिला सकती हैं। इनमें फोलेट और विटामिन पाए जाते हैं जो गट हेल्थ अच्छी रखते हैं।
दही में अलसी के बीज डालकर खाना भी फायदेमंद है।
पपीता कब्ज की समस्या में बहुत फायदेमंद माना जाता है। ये स्वादिष्ट होने के साथ साथ कब्ज के लिए बहुत ही शानदार उपाय है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। खासकर घुलनशील फाइबर जो पाचन में सहायता करता है और अनियमित मल त्यागने को रोकता है। इसमें पपैन नामक एक एंजाइम होता है जो प्रोटीन के टूटने को तेज करता है और ओवरऑल पाचन को बढ़ावा देता है।
पपीता खाने को करता है हजम
जिन लोगों को खाना हजम नहीं होता है और गैस आदि की समस्या रहती है वह डॉक्टर की सलाह के बाद पीपता डाइट में रख सकते हैं।पपीते में पैपेन नाम का एक एंजाइम पाया जाता है जो खाने में मौजूद प्रोटीन को तोड़ने का काम करता है। जसकी वजह खाना जल्दी हजम होता है।
इसके अलावा पपीते में पानी की मात्रा प्रचुर होती है, जो इसे नेचुरल लैकसेटिव बनाता है जो मल को नरम करने में मदद करता है। पपीते का नियमित सेवन कब्ज और बेचैनी को रोक सकता है। सबसे अच्छी बात ये है कि पपीता मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा काम करता है। क्योंकि उच्च फाइबर का सेवन रक्त शर्करा, लिपिड और इंसुलिन के स्तर में सुधार करता है। एक छोटा पपीता लगभग 3 ग्राम फाइबर प्रदान करता है, जो कि केवल 17 ग्राम कार्बोहाइड्रेट के बराबर होता है। पपीता हृदय स्वास्थ्य का भी समर्थन करता है क्योंकि यह फाइबर, पोटेशियम और विटामिन से भरपूर होता है।