अयोध्या। रामलला को अपने नव्य, भव्य और दिव्य मंदिर में विराजे गुरुवार को एक माह पूर्ण हो जाएंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद उनके दर्शनों की लालसा ने देश का हर मार्ग मानो अयोध्या की ओर मोड़ दिया हो। इस एक मास में जहां आस्था का ज्वार उमड़ा, वहीं राम मंदिर के लिए निधि समर्पण की वर्षा हुई।
कई राज्यों की सरकारों ने रामलला के समक्ष आस्था निवेदित की तो हर तरफ से विशेष ट्रेनों का रामनगरी आने क्रम अनवरत है। बीते एक माह पर दृष्टि डालें तो अब तक 62 लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किए और श्रद्धालुओं ने 50 करोड़ की राशि समर्पित की। इसको मिला लें तो मंदिर निर्माण से दर्शन तक कुल पांच हजार करोड़ की राशि रामलला को अर्पित की जा चुकी है।
अगले दिन से उमड़ा आस्था का ज्वार
प्रधानमंत्री और अन्य विशिष्ट अतिथियों से जुड़े शिष्टाचार के चलते प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अतिथियों की संख्या तो सात हजार तक सीमित रखी गई थी, किंतु अगले दिन से उमड़ा आस्था का ज्वार अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। 23 जनवरी को रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या पांच लाख तक जा पहुंची।
24 जनवरी को तीन लाख से ऊपर थी संख्या
24 जनवरी को यह संख्या तीन लाख से ऊपर रिकार्ड की गई और श्रद्धालुओं के प्रवाह के आगे व्यवस्था के प्रबंध सीमित सिद्ध हुए। इसके बाद से मंदिर ट्रस्ट से लेकर शासन-प्रशासन के स्तर पर श्रद्धालुओं की सहेज-संभाल के नित्य अतिरिक्त प्रबंध होते हैं, लेकिन इन प्रबंधों पर श्रद्धालुओं की संख्या बीस बैठ रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 फरवरी को अपनी पूरी कैबिनेट और भाजपा सहित अन्य दलों के विधायकों के साथ रामलला को नमन करने पहुंचे।
छह फरवरी को अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू अपनी सरकार के साथ रामलला को शिरोधार्य करने पहुंचे। रामलला के आकर्षण से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी अछूते नहीं रहे। गत दिनों उन्होंने मय परिवार के रामलला का दर्शन-पूजन किया।