राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी के डी सिंह बाबू की कोठी मामले में वक्फ की दावेदारी अदालत ने खारिज कर दी।

बाराबंकी। राष्ट्रीय हाकी चैंपियन रहे के डी सिंह बाबू नाम से चर्चित विशाल कोठी के बारे में वक्फ की ओर से की गई दावेदारी को मामले की सुनवाई कर रहे अपर सिविल जज खान जिशान मसूद ने खारिज कर दिया।
उल्लेखनीय है कि बदले समय वा हालात के चलते सिविल लाइंस स्थित इस कोठी को लेकर विवाद शुरू हो गया।
दिव्या शाही बनाम कुंवर सुरेश सिंह नामक वाद संख्या 645/06, दिव्या शाही ने प्रस्तुत किया इसमें डेढ़ दर्जन से अधिक विपच्छी पार्टी बनाई गई थी। तत्कालीन अदालत के सहयोग से सभी पार्टीज ने आपसी सहमति बनाते हुए एक राय कायम कर कोर्ट को अवगत कराया।इसी को आधार बनाकर अदालत ने 21अप्रैल 2009को आदेश/डिक्री पारित किया।
इसके बाद इस डिक्री के निष्पादन हेतु इजराय वाद संख्या 7/2009प्रस्तुत किया।इस इजराय वाद की सुनवाई लम्बे समय से लंबित चल रही थी।इस बीच यह वाद ट्रांसफर हो कर खान जिशान मसूद की अदालत पर आ गया।
16फरवरी2024को इस इजराय वाद की सुनवाई के बाद न्यायाधीश खान जिशान मसूद ने के डी सिंह बाबू की इस चर्चित कोठी को शील कराकर ताला डालवा विपिन सिंह को रिसीवर बना दिया था।इसके अगले ही दिन वक्फ ने इस पर एतराज जताया था।अदालत ने मामले को सुनवाई हेतु 19फरवरी की तिथि नियत की थी तथा वक्फ बोर्ड से कहा था की पुख्ता अभिलेख अपनी दावेदारी के समर्थन में प्रस्तुत करे।
वक्फ बोर्ड की ओर से रौनक अली मुतवल्ली इनाम अली निवासी गुलरिया गर्दा की ओर से की गई दावेदारी अर्जी को खारिज कर दिया। अब यह कोठी सील रहेगी और नियत समय उपरान्त कोर्ट के आदेश से नीलाम होगी।नीलामी के बाद लीगल दावेदारी में आने वालों में इसकी बिक्री/नीलामी से प्राप्त धन कोर्ट के माध्यम से वितरित की जावेगी।

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