नगर पंचायत महोली में भू माफियाओं के रसूख के आगे प्रशासनिक आदेश भी हुए बौने

शासन के आदेश पर तत्कालीन एसडीएम मिश्रिख द्वारा कराई गई थी वर्ष 2007 में जांच।

बावजूद कब्जा खाली करने के नगर पंचायत महोली के जिम्मेदारों ने अपने चहेतों को कर दिया कब्जा।

नगर पंचायत क्षेत्र के अंदर स्थित भूमि का क्षेत्राधिकार राजस्व विभाग को नहीं।

महोली सीतापुर। स्थानीय नगर पंचायत में भूमाफियाओं के रुतबे और रसूल के आगे मा• उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश व प्रशासनिक आदेश व कानून सभी कुछ बौने साबित हो रहे हैं। जो नगर पंचायत क्षेत्राधिकार अंतर्गत आने वाले तालाबों पर किए गएअबैध कब्जे दर्शाते हैं। प्रशासन से मिले निर्देशों के बावजूद भी आज तक तालाब इन कब्जेदारों के चंगुल से मुक्त नहीं हो सके हैं। विदित हो कि नगर पंचायत क्षेत्र महोली में स्थित तालाबों पर अवैध कब्जे की शिकायत समाजवादी पार्टी के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शासन से की गई थी जिनके शिकायती पत्र को शासन ने गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को इस प्रकरण की जांच कर कार्रवाई किए जाने के लिए निर्देशित किया था।
शासन से मिली जांच के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन ने प्रकरण की जांच तत्कालीन उप जिलाधिकारी के0एन0सहगल को सौंप जांच करा कर आख्या देने के लिए निर्देशित किया था। जिसके बाद श्री सहगल द्वारा जांच कराई गई जिसमें पाया गया कि कुछ लोगों ने तालाबों पर अवैध कब्जे कर रखे हैं और जिन्हें हटवाने के निर्देश भी दिए गए। अगर तत्कालीन उपजिलाधिकारी के0एन0सहगल द्वारा प्रेषित की गई जांच आख्या पर गौर करें तो श्री सहगल ने पत्रांक संख्या 05/ जांच- शासन/ उजिअ – 07 दिनांक 18/01/2007 में प्रभारी अधिकारी( परिवाद) को जांच प्रेषित करते हुए उन्होंने लिखा है कि प्रभारी अधिकारी (परिवाद)के पत्र संख्या इकतिस – सी0एफ0/24 /शासन 06/शि0लि0 दिनांक 14 – 12- 2007 के पत्र के साथ संलग्न अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के पत्र दिनांक 19-11-06 में उल्लेखित किया गया है कि भूमाफियाओं द्वारा नगर पंचायत महोली में स्थित तालाबों पर हो रहे अवैध कब्जे हटवाए जाए। उन्होंने जांच आख्या में कहा कि प्रश्नगत प्रकरण में जांच क्षेत्रीय नायब तहसीलदार से कराई गई। प्रस्तुत जांच आख्या में उल्लेखित किया गया है कि गाटा सं0- 47/0.283 हे0 ग्राम महसुनियागंज परगना महोली तहसील मिश्रिख अंदर नगर क्षेत्र तालाब दर्ज है जिसका सीमांकन करके नगर पंचायत कर्मियों को समझा दिया गया है इस तालाब पर अनाधिकृत रूप से प्लाटों के सामने तालाब की भूमि को समतल कर लिया गया है और ऐसे छह कब्जेदारों को चिन्हित कर लिया गया है जो तालाब की भूमि पर कब्जा किए हुए हैं।
जांच आख्या में श्री सहगल ने यह भी अवगत कराया था कि भूमि नगर पंचायत महोली अंतर्गत है इसके संबंध में पूर्व में इस स्तर से नगर पंचायत महोली को कार्रवाई हेतु लिखा गया था। क्योंकि नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत स्थित भूमि का क्षेत्राधिकार राजस्व विभाग का नहीं है इसलिए तालाब भूमि पर अनाधिकृत रूप से काबिज व्यक्तियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु इस स्तर से पुनः अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत महोली को लिखा गया है।यही नहीं जांच आख्या प्रेषित करते हुए श्री सहगल ने स्पष्ट तौर पर अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत महोली को यह भी निर्देश दिया था कि अधिशासी अधिकारी इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करते हुए तालाब पर अवैध रूप से काबिज लोगों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए अवगत कराएं परंतु वर्षों बीत जाने के बाद भी संपूर्ण आदेश, निर्देश नगर पंचायत कार्यालय की फाइलों की शोभा बढ़ा रहे हैं। सूत्रों की माने तो तत्कालीन उपजिलाधिकारी ने जिन कब्जेदारों को इंगित किया था उनसे नगर पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा अच्छी खासी रकम वसूली गई यही नहीं धीरे-धीरे समय बीतता गया और नगर पंचायत की सत्ता पर काबिज लोगों ने अपने चहेतों को खुश करने के लिए उनसे मोटी रकम वसूल करके धोबइया तालाब गाटा संख्या 165 ,191 ,198 मि, 234 मि क्षेत्रफल क्रमशः 0.364 हे, 0.607 हे, 0.753 हे,0.611 हे कुल 2.335 हे पर कब्जा करने के बाद गाटा सं0 381 क्षेत्रफल 0.610 हे जिस पर भी भू माफिया द्वारा कब्जा करके प्लाटिंग करते हुए बिक्री कर दिया गयाहै।
अब भू माफियाओं द्वारा नगर पंचायत व तहसील कर्मियों के सहयोग से मत्स्य विभाग के जलाशयों को अवैध रूप से अतिक्रमण करके संकुचित किया जा रहा है तथा तालाब गाटा संख्या 537मि को राजस्व अभिलेखों से गायब भी कर दिया गया है। तालाब में नगर पंचायत कर्मियों द्वारा नगर से निकला हुआ कूड़ा तालाब में डाला जा रहा है जिसकी शिकायत तालाब पट्टेदार द्वारा की जाती रहती है जिस पर मत्स्य विभाग द्वारा तहसील प्रशासन को व तहसील प्रशासन द्वारा नगर पंचायत महोली को पत्र लिखे जाते रहते हैं। जैसा कि शिकायती प्रार्थना पत्र संदर्भ संख्या 40015422065515 में प्रस्तुत जांच का सारांश में लेखपाल की आख्या में दर्शाया गया है कि उपरोक्त विषय नगर पंचायत में स्थित तालाबों से अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में पूर्व में क्रमवार तालाबों के गाटों की निशानदेही कर दी गई है जिसमें की प्रधानमंत्री आवास भी बने हैं जिसकी सूची नगर पंचायत महोली द्वारा तैयार की जा रही है जो किEO महोदय नगर पंचायत महोली की अध्यक्षता में संपादित हो रही है,सूची बनने के पश्चात ही नगर पंचायत महोली ,पुलिस बल के साथ उक्त अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई संपादित किया जाना संभव है। इस रिपोर्ट के01वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है बल्कि नगर पंचायत कर्मियों द्वारा तालाबों में कूड़ा डालकर तालाब अतिक्रमणकारियों का सहयोग किया जा रहा है। कुल मिलाकर भूमाफियाओं के दबाव व अवैध धन के लालच में नगर पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा लगातार सरकारी संपत्तियों को क्षति पहुंचाई जा रही है जिसके चलते नगर पंचायत महोली में भू माफियाओं के रसूख के आगे सुप्रीम कोर्ट व शासन के आदेश व भू माफियाओं पर कार्यवाही के दावे बौने साबित हो रहे हैं।

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